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ग्रामीण पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होंगे अमृत सरोवर : केशव मौर्य

Keshav Maurya

Keshav Maurya

लखनऊ। प्रदेश में 11097 अमृत सरोवरों (Amrit Sarovar) के चिन्हाकन का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसमें से 4698 अमृत सरोवर प्राक्कलन तैयार करते हुए 1670 अमृत सरोवरों के निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (keshav maurya) ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम्य विकास विभाग की अन्य योजनाओं के साथ-साथ “अमृत सरोवर” (Amrit Sarovar) जैसी महत्वाकांक्षी, बहुआयामी और ग्रामीणोन्मुखी योजना के कार्यों को पूरी गतिशीलता संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ संचालित किया जाए।

उन्होंने (keshav maurya) कहा कि अमृत सरोवरों (Amrit Sarovar) के निर्माण से जहां पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन होगा। वहीं वाटर रिचार्जिंग के क्षेत्र में यह अमृत सरोवर वरदान साबित होंगे। सरकार की मंशा है कि अमृत सरोवर ग्रामीणों पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो और वहां पर अधिक से अधिक अवस्थापना सुविधाएं विकसित हो और लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी मिले। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए ज्यादा से ज्यादा मानव दिवसों का सृजन किया जाए।

उन्होंने कहा है उत्तर प्रदेश के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में 75 अमृत सरोवर बनाये जाने हैं, इस प्रकार सभी 80 संसदीय क्षेत्रों में कुल 6000 अमृत सरोवर बनाते जाने का टारगेट निर्धारित किया गया है और शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक अमृत सरोवर बनाने टारगेट बनाने है।

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अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया कि जिलों में अमृत सरोवरों के चिन्हाकन की प्रक्रिया जारी है और निर्माण कार्य की शुरू कर दिए गए। सबसे अधिक 540 अमृत सरोवरों का चिन्हांकन जौनपुर में किया गया है। अंबेडकरनगर में 260, आजमगढ़ में 337, बलरामपुर में 289, बाराबंकी में 343 ,बस्ती में 363, गोंडा में 395, महाराजगंज में 271, पीलीभीत में 293 ,प्रतापगढ़ में 393, सिद्धार्थनगर में 247 और सीतापुर में 278 और इसी तरह अन्य जनपदों में भी अमृत सरोवरों का चिन्हांकन किया गया है ।

उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं चिन्हांकन और निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए, क्योंकि निर्माण कार्यों के साथ साथ उनके किनारे अन्य विकास कार्य भी होंगे तथा वृक्षारोपण भी किया जाएगा। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्राम्य विकास के कार्यक्रमों से गांव व गरीबों की तस्वीर बदलेगी। ग्राम विकास की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन कर लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जाएगा।

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