• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

आनंदीबेन  बोली- छात्रों में मूलभूत नैतिक व सामाजिक मूल्यों का समावेश जरूरी

Writer D by Writer D
06/02/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, झाँसी
0
Anandiben

Anandiben

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बुंविवि) के 25वें दीक्षांत समारोह को शुक्रवार को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन मफतभाई पटेल ने शिक्षा के माध्यम से छात्रों में भूलभूत नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों का समावेश कराये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

खराब मौसम के कारण कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पायीं कुलाधिपति ने यहां विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित दीक्षांत समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए शिक्षा के माध्यम से मानवजीवन में होने वाले ज्ञान के प्रसार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि जीवन ज्ञान प्राप्ति की अनंत यात्रा है और इस यात्रा के लिए हमेशा जिज्ञासा, जोश और ऊर्जा की जरूरत होती है। जीवन में सफलता के लिए तकनीकी ज्ञान, आध्यात्मिक उन्नयन और कुशलता जरूरी है। यह तभी संभव है जब शिक्षा पद्धति या पाठ्यक्रम ऐसा हो जो छात्रों का शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक विकास सुनिश्चित करे। महान राष्ट्र बनने के लिए जरूरी है कि छात्रों में मूलभूत नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों का समावेश हो । शिक्षा का सबसे बड़ा दायित्व है युवाओं को आध्यात्मिकता की ओर बढाना। भौतिक जगत की चकाचौंध से युवाओं के अंतरमन का शीतलता अध्यात्म की मदद से ही दी जा सकती है। भौतिकवाद की चमक में युवा भ्रमित होकर पथभ्रष्ट न हो जाएं इसलिए शिक्षा के माध्यम से उनका आध्यात्मिक उन्नयन जरूरी है।

हमारी नयी शिक्षा नीति 2020 युवाओं में इन मूल्यों को बढ़ाने में मददगार साबित होगी। इस नयी नीति का स्वरूप भारतीयों की जरूरत के हिसाब से है जो राष्ट्रीय स्वाभिमान का जागरण करेगी और सुनिश्चित करेगी कि प्र्रत्येक युवा को बिना किसी दबाव के उसकी क्षमता के अनुरूप शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शैक्षिणिक सत्र एवं दीक्षांत समारोह अपने आप में साथ नयी चुनौतियां तथा नयीं संभावनाएं लेकर आता है। समारोह में पदक एवं पुरस्कार पाने वाले छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देने के साथ उम्मीद जतायी कि वे नये समाज और भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे। उन्होंने पदक पाने वाले छात्र छात्राओं के अभिभावकों के साथ शिक्षकों एवं शिक्षण स्थलों को भी बधाई दी जिनके सम्मिलित प्रयास से ये छात्र ऐसी सफलता हासिल कर पाये।

यूपी में 10 फरवरी से खुलेंगे छठी से आठवीं तक के स्‍कूल

श्रीमती पटेल ने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का कुशल प्रबंधन, शिक्षक और कर्मचारीगण सभी मिलकर शिक्षा के लिए तकनीकी सुविधायुक्त वातावरण छात्रों को उपलब्ध करा रहे हैं। यहां 100 से अधिक पाठ्यक्रम पूरी तकनीकी कुशलता से चलाये जा रहे हैं। विश्वविद्यालय का डिजिटलाइजेशन बहुत अच्छा है ,विश्वविद्यालय परीक्षा प्रणाली की शुचिता और गरिमा बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और शिक्षण संबंधी अपने दायित्वों को पूरी दक्षता से पूरा करने के प्रयासों में लगा हुआ है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अंतर्विश्विद्यालय त्वरक केंद्र नयी दिल्ली के निदेशक प्रो़ अविनाश चंद्र पांडेय ने दीक्षांत भाषण में पुरूस्कार एवं पदक हासिल करने वाले छात्र छात्राओं को बधाई दी और विशेष रूप से पदक प्राप्तकर्ताओं में छात्राओं के अधिक संख्याबल पर खुशी का इजहार किया साथ ही सचेत भी किया कि दीक्षांत का अर्थ शिक्षा का अंत नहीं है। उन्होंने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में कमी को रेखांकित किया और कहा कि इस शिक्षा से आज युवाओं में अच्छी से अच्छी नौकरी पाने, श्रेष्ठ हो जाने, अधिकाधिक धन संचय कर प्रतिष्ठित दर्जा पाने की होड़ पैदा हो गयी है लेकिन उच्च शिक्षा हासिल कर किसी तरह का दंभ नहीं होना चाहिए। मैं के दायरे को बढाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि मैं व मेरा के अर्थ को अपने आप से आगे परिवार,समाज और देश तक प्रसार देना जरूरी है। दूसरों की पीड़ा और वेदना से समानुभूति होना आवश्यक है।

पांच लाख से अधिक लोगों को टीके लगाने वाला पहला राज्य बना यूपी : योगी

उन्होंने छात्रों के लिए महत्वाकांक्षा, साहस और टीमवर्क के महत्व को बताते हुए कहा कि महत्वाकांक्षा उपलब्धि का स्तर बढ़ाती है और साहस व्यक्ति को किसी काम को करने की क्षमता देता है और इसके बाद व्यक्ति जब अन्य के साथ मिलकर एक टीम के रूप में काम करता है तो अंत में पूरा होने वाला शोध का प्रसार पूरे समाज में होता है। व्यक्ति को अग्रणी उसका चरित्र और सत्यनिष्ठा बनाती है इसलिए उन्होंने छात्रों से अपने जीवन में इन गुणों को उतारने के लिए लगातार प्रयास करने को कहा।

इससे पहले कुलपति जे वी वैशंपायन ने विश्वविद्यालय की वार्षिक आख्या प्रस्तुत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन , शिक्षक और कर्मचारीगण शिक्षण स्तर , तकनीकी उन्नयन के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। यहां मिट्टी की जांच के लिए प्रयोगशाला की स्थापना की गयी और मास मीडिया लैब की स्थापना कराने जा रहे हैं।बुंदेलखंड विश्वविद्यालय एकमात्र विश्वविद्यालय है जहां नेट के तीन मूल्यांकन हो चुके हैं । कोविड-19 के समय विश्वविद्यालय के एनसीसी के छात्रों में पुलिस के साथ मिलकर सामाजिक दूरी बनाने, यातायात संभालने और अन्य नियमों के पालन में प्रभावी भूमिका निभायी। राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों ने न केवल झांसी बल्कि पूरे बुंदेलखंड में मास्क वितरण का काम किया। विश्वविद्यालय ने कोविड काल में बहुत जल्द ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की और नवंबर में परीक्षा के बाद कक्षाओं में पठन पाठन का काम भी शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रवेश से लेकर परीक्षा परिणाम तक काम ई गर्वनेंस के माध्यम से किया जा रहा है।

हमारी स्वतंत्रता पर लोकतांत्रिक और संवैधानिक मर्यादा का है अंकुश

समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा एक कुलाधिपति स्वर्ण पदक, बारह कुलाधिपति रजतपदक तथा बीस कुलाधिपति कांस्य पदक सहित कुल 33 पदक प्रदान किये गये । पदकों में 12 रजत पदकों में 9 महिला तथा 03 पुरुष, 20 कांस्य पदकों में 15 महिलाएं और 5 पुरुष जबकि स्वर्ण पदक सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के आधार पर कृषि संकाय की छात्रा दीपमाला जैन को दिया गया। इसके अतिरिक्त 38 पदक छात्राओं तथा 06 पदक छात्रों सहित कुल 44 विन्यासीकृत पदक भी दीक्षान्त समारोह में प्रदान किये गये।

कार्यक्रम का शुभारंभ मंडप में शोभायात्रा के आने के साथ हुआ इसके बाद कुलपति ने मुख्य अतिथि श्री पांडेय , विशिष्ट अतिथि मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा और पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुभाष सिंह बघेल के साथ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और दीप प्रज्जवलित किया। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना और कुलगीत गया। श्री वैशंपायन ने मुख्य अतिथि और मंडलायुक्त के साथ समारोह स्मारिका का विमोचन किया।

दीक्षांत समारोह में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी, नगर आयुक्त अवनीश राय और प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। कोविड प्रोटोकॉल के कारण सीमित संख्या में लोगों को कार्यक्रम में बुलाया गया और छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सम्पूर्ण दीक्षान्त समारोह को यू-ट्यूब पर लाईव दिखाया गया।

Tags: Anandibenup news
Previous Post

6 फरवरी राशिफल: आज इन 5 राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ

Next Post

देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है सरकार और किसान के बीच रेखा खींचना : अखिलेश

Writer D

Writer D

Related Posts

Ram Temple
Main Slider

अयोध्या तैयार: 25 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी फहराएंगे राम मंदिर के सातों शिखरों पर भगवा ध्वज

09/11/2025
CM Yogi pays tribute to Buddhist religious leader Bhadant Dnyaneshwar
उत्तर प्रदेश

बौद्ध धर्मगुरु भदंत ज्ञानेश्वर को सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि

09/11/2025
CM Yogi
उत्तर प्रदेश

पूर्वी यूपी की महत्वपूर्ण उपलब्धि होगा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय: मुख्यमंत्री

09/11/2025
CM Dhami
Main Slider

विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड” के मंत्र पर चल रहा उत्तराखंड – मुख्यमंत्री

09/11/2025
PM Modi
Main Slider

आप सबू तई म्यारू नमस्कार… पहाड़ी बोली, पहाड़ी टोपी, पीएम का हर अंदाज पहाड़ी

09/11/2025
Next Post
akhilesh yadav

देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है सरकार और किसान के बीच रेखा खींचना : अखिलेश

यह भी पढ़ें

CM Vishnudev Sai

मुख्यमंत्री के रूप में मैं अपने परिवार से मिलने आया हूं, रायगढ़ में बोले CM साय

05/09/2025
IPS Arvind Sen

पशुधन घोटाला: 50 हजार के इनामी फरार आईपीएस अरविंद सेन की संपत्ति होगी कुर्क

20/01/2021
monsoon session

मानसून सत्र: हंगामे के बीच पास हुए दो अहम बिल, कल 11 बजे तक संसद स्थगित

02/08/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version