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अनंत चतुर्दशी आज, जानें पूजा विधि और महत्व

Lord Vishnu

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भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को व्रत रखा जाता है जिसे ‘अनंत चतुदर्शी’ (Anant Chaturdashi ) कहा जाता है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। अनंत चतुदर्शी पर गणेश विसर्जन भी किया जाता है। बताया जाता है कि इस व्रत को 14 सालों तक लगातार करने पर विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। आज 9 सितंबर 2022 को अनंत चतुर्दशी है। आज अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त क्या है? पूजन विधि क्या है? इस बारे में जान लीजिए।

अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त (Anant Chaturdashi 2022 shubh muhurat)

अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi ) 9 सितंबर 2022 शुक्रवार को मनाया जाएगा। यह व्रत सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और शाम 06 बजकर 07 मिनट तक सूर्यास्त तक चलेगा।

अनंत चतुर्दशी पूजा की विधि (Anant Chaturdashi 2022 pooja vidhi)

अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi ) के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें और उसके सामने भगवान विष्णु की तस्वीर लगाएं। एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं और उसमें चौदह गांठें लगाएं। इस सूत्र को भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें।

अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें और ‘अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।। मंत्र का जाप करें। इसके बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें। माना जाता है कि इस सूत्र को धारण करने से संकटों का नाश होता है।

अनंत चतर्दशी (Anant Chaturdashi ) व्रत पर धागे में चौदह गांठ लगाने का कारण

अनंत चतुर्दशी के व्रत (Anant Chaturdashi ) में सूत या रेशम के धागे को कुमकुम से रंगकर उसमें चौदह गांठे लगाई जाती हैं। इसके बाद उसे विधि-विधान से पूजा के बाद कलाई पर बांधा जाता है। कलाई पर बांधे गए इस धागे को ही अनंत कहा जाता है।

भगवान विष्णु का रूप माने जाने वाले इस धागे को रक्षासूत्र भी कहा जाता है। ये 14 गांठे भगवान श्री हरि के 14 लोकों की प्रतीक मानी गई हैं। अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन शुभ माना जाता है।

अनंत चतुर्दशी का महत्व (Anant Chaturdashi 2022 importance)

अनंत चौदस (Anant Chaturdashi ) पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन ही भगवान विष्णु ने 14 लोकों यानी तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी। इस दिन ही गणेश जी को विसर्जित करते हैं। जिन लोगों के रोग ठीक नहीं हो रहे हैं। उन लोगों को ये व्रत रखना चाहिए। परिवार में कोई भी इस व्रत को रख सकता है। चाहे पति के लिए पत्नी, पत्नी के लिए पति, पिता के लिए पुत्र यह व्रत कर सकता है।

लोन की समस्या अगर आ रही है तो वह लोग भी अनंत चतुर्दशी का उपवास रख सकते हैं। कुछ समय में ही आप लोन मुक्त हो जाएंगे। अगर किसी के घर में क्लेश चल रहा है तो उन लोगों को अनंत चतुर्दशी के उपवास के बाद जायफल अपने हाथ से भगवान विष्णु को अर्पण करना चाहिए। उसके बाद उसे जल में प्रवाह या पीपल के पेड़ के नीचे रखने से घर का क्लेश समाप्त हो जाएगा।

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