पटना। बिहार के बाहुबली लीडर और मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) को पैरोल मिल गई है और वो जेल से बाहर आ गए हैं। राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने अनंत को अपनी पुश्तैनी जमीन जायदाद के बंटवारे के लिए 15 दिनों की पैरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया है।
अनंत सिंह (Anant Singh) के जेल से बाहर निकलने की सूचना के साथ ही उनके समर्थकों में काफी उत्साह का माहौल है। अनंत सिंह लगभग 5 वर्षों से जेल में बंद है। अनंत सिंह पर एके 47 रखने का आरोप है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। तब से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेउर जेल में सजायाफ्ता बंदी के रूप में सजा काट रहे हैं।
इस वजह से मिली पैरोल
जानकारी के मुताबिक़ आपसी पारिवारिक बटवारा को लेकर अनंत सिंह (Anant Singh) ने न्यायालय में कोर्ट से पैरोल पर इसके लिए आदेश मांगा था। पेरोल पर आदेश मिलने के बाद आनंद सिंह को लेकर गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया था। रविवार की अहले सुबह जब अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर बेउर जेल से बाहर निकाला जा रहा था, उस समय जेल के बाहरी एवं भीतरी सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त कर दिया गया था।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर भीषण सड़क हादसा, तीन महिलाओं समेत 6 की मौत
अनंत सिंह (Anant Singh) की पत्नी नीलम सिंह वर्तमान में राजद के विधायक हैं। बिहार में वर्तमान में लोकसभा का चुनाव चल रहा है। चौथे चरण 13 में को बिहार के मुंगेर में लोकसभा के चुनाव का मतदान होना है। इसे लेकर भी अनंत सिंह के जेल से बाहर आने को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
NDA के लिए फायदेमंद हैं ‘छोट सरकार’?
अनंत सिंह को उनके इलाके में लोग छोटे सरकार के नाम से जानते हैं। कभी नीतीश कुमार के बेहद खास रहे अनंत सिंह बाद में राजनीतिक कारणों से सीएम से दूर होते चले गए और लालू यादव के करीबी हुए। लेकिन अब एक बार फिर अनंत सिंह एनडीए के पाले में हैं। जानकारों का दावा है कि अनंत सिंह भले ही खुले तौर पर चुनाव प्रचार ना भी करें, तब भी वह अपने स्तर से जेडीयू के लोकसभा उम्मीदवार और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को फायदा पहुंचा सकते हैं।