पटना। बिहार की करीब 10 हजार आंगनबाड़ी सेविकाएं (Anganwadi Workers ) 29 सितंबर से अनिश्चितालीन हड़ताल पर हैं। सरकारी कर्मचारी का दर्जा और मानदेय की जगह वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को ये बिहार विधानसभा का घेराव करने निकलीं थी। पुलिस ने सेविकाओं को हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है। जिसके बाद कई आंगनबाड़ी सेविकाओं (Anganwadi Workers ) को गंभीर चोटें लगी है। पुलिस उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गई है।
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। सत्र के दौरान विधानसभा के आसपास धरना प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक है और यहां 800 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। साथ ही 70 मजिस्ट्रेट और बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी भी तैनात किए गए हैं।
तेजस्वी यादव सरकार बनने के बाद अपना वादा भूल गए
आंगनबाडी़ सेविकाकांए (Anganwadi Workers ) पांच सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। इनकी मांग है- सरकारी कर्मी का दर्जा, मानदेय की जगह वेतन, रिटायरमेंट पेंशन और ऑन-ड्यूटी काम करते हुए अगर कोई सेविका मरती है तो उसके बदले परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए। पिछले सप्ताह भी करीब दो हजार सेविकाओं ने पटना के डाक बंगला चौराहे पर प्रदर्शन किया था।
PET 2023 की आंसर-की जारी, इस डेट तक दर्ज करा सकेंगे आपत्ति
विधानसभा घेरने निकली आंगनबाड़ी सेविका (Anganwadi Workers ) सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय तेजस्वी यादव उनके मानदेय को दुगना करने की वादा किया था सरकार बनने के बाद अपना वादा भूल गए हैं। सेविकाओं (Anganwadi Workers ) ने कहा कि अब वह किसी बहकावे में नहीं आएंगे। अपने हक के लिए लड़ाई करेंगे। अपनी मांगों का पूरा करने के लिए लगातार धरना प्रदर्शन करेंगे। जबतक हमारी मांग नहीं मानी जाती है हम हमलोग इस तरह प्रदर्शन करते रहेंगे।