लखनऊ। पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर फजीर्वाड़े के मामले में आरोपित सेवानिवृत्त आइपीएस अरविंद सेन की रिमाण्ड अवधि समाप्त होने के बाद उनको पुन: लखनऊ जेल भेज दिया गया।
अरविन्द को गुरूवार को हजरतगंज पुलिस ने रिमाण्ड पर लिया था। रिमाण्ड अवधि के दौरान सेन को हजरतगंज थाने की हवालात में रखा गया था। पुलिस ने आरोपित से बीती देर रात तक पूछताछ की। इस दौरान आरोपित और आशीष राय के बीच हुई बातचीत के बारे में पूछताछ की गयी। अरविंद सेन ने कहा कि आशीष राय से उनका पुराना परिचय है और वह उनसे संपर्क में रहता था।
पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर फजीर्वाड़े के मामले में आरोपित सेवानिवृत्त आइपीएस अरविंद सेन को गुरुवार को पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) पर लिया गया था। न्यायालय ने आरोपित की 24 घंटे की पीसीआर मंजूर की थी। गुरूवार को जेल से अरविंद सेन को लेकर पुलिस टीम हजरतगंज कोतवाली पहुंची थी। इस दौरान उनकी आवाज का नमूना भी लिया गया।
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सेवानिवृत्त आइपीएस को हजरतगंज कोतवाली के लॉकअप में रखा गया। इसके बाद विवेचक श्वेता श्रीवास्तव ने आरोपित से पूछताछ शुरू की थी। पूछताछ में आरोपित ने इस प्रकरण में संलिप्तता से इंकार किया। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में आरोपित ने कहा कि तत्कालीन एसपी सीबीसीआइडी के पद पर जब वह तैनात थे तो उनके पास कुछ लोग आए थे।
हालांकि, उन्होंने व्यापारी को धमकी नहीं दी थी और न ही इसके एवज में रुपये लिए थे। खाते में रुपये स्थानांतरित होने के सवाल पर सेवानिवृत्त आइपीएस ने कहा कि उनकी एक निजी कंपनी है। कंपनी के वह मालिक हैं। आशीष ने कंपनी के खाते में रुपये स्थानांतरित किए थे। वह रुपये व्यापार के सिलसिले में लिए गए थे। अरविंद सेन ने उन पर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। विवेचक ने आरोपित का बयान दर्ज कर लिया है।
बता दें कि विवेचक की ओर से एंटी करप्शन कोर्ट में अर्जी देकर अरविन्द सेन को तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) की मांग की गई थी। इस पर न्यायालय ने 24 घंटे की पीसीआर दी थी। शुक्रवार को अरविंद सेन की पीसीआर खत्म हो गयी, इसके बाद उन्हें जेल में दाखिल कर दिया।