मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ही माता पार्वती का स्वरूप माता अन्नपूर्णा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इसलिए हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti) मनाई जाती है। इस दिन देवी अन्नपूर्णा की विधिपूर्वक पूजा करने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि पूजा करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और हमेशा अन्न के भंडार भरे रहते हैं। आइए, जानें अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti) की सही तिथि और पूजा विधि।
अन्नपूर्णा जयंती तिथि – 26 दिसंबर 2023
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 26 दिसंबर 2022 सुबह 5.46 बजे।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 दिसंबर 2022 सुबह 06:02 बजे।
अन्नपूर्णा जयंती 2023 (Annapurna Jayanti) पूजा विधि
– इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहन लें।
– इसके पश्चात पूरे घर में गंगाजल छिड़ककर घर को शुद्ध करें।
– चूल्हे पर कुमकुम, हल्दी, चावल और फूल चढ़ाएं, धूप जलाएं।
– अब विधिपूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
– इस दौरान माता पार्वती से प्रार्थना करें कि घर में हमेशा अन्न का भंडार भरा रहे।
– अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti) के अवसर पर अपनी श्रद्धा अनुसार गरीबों को भोजन भी करा सकते हैं।
अन्नपूर्णा जयंती 2023 (Annapurna Jayanti) का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, मां अन्नपूर्णा को अन्न, धन, सुख और शांति की देवी माना जाता है। मां अन्नपूर्णा की कृपा से घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है। अन्न की कभी कमी नहीं होती, हमेशा सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए मां अन्नपूर्णा की पूजा रोज करनी चाहिए। इससे आर्थिक संकट से भी मुक्ति मिलती है।