लखनऊ। जालसाजों ने बैंक कर्मी बताकर मोबाइल पर एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड कराया, जिसके बाद पीडि़त के खाते से 3 बार में डेढ़ लाख रुपये पार कर दिए। पीडि़त की तहरीर पर साइबर सेल महज 3 दिनों में रकम वापस पीडि़त के खाते में वापस लौटा दी।
साइबर सेल में तैनात एसआई सौरभ मिश्र ने बताया कि मकदूमनगर गोमतीनगर निवासी राममिलन ने 28 दिस बर को सेल में मुकदमा दर्ज कराया था। पीडि़त ने बताया कि 28 दिस बर को मोबाइल फोन अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया था। कॉलकर्ता खुद को बैंक कर्मी बता रहा था।
कॉलकर्ता ने पीडि़त से मोबाइल पर एनी डेस्क् एप्लीकेशन डाउनलोड करवाई। इसके अलावा पीडि़त से उसके बैंक खाते की जानकारी हांसिल कर ली। पीडि़त के अनुसार महज कुछ ही देर बाद उनके मोबाइल फोन पर बैंक खाते से 50 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। थोड़ी देर में खाते से 50-50 हजार रुपये और निकलने के अलग-अलग मैसेज आ गए।
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मैसेज देख पीडि़त को ठगी का अहसास हुआ। पीडि़त ने तत्काल उसी नंबर पर कॉलबैक की, लेकिन मोबाइल फोन उक्त नंबर स्वीच ऑफ बताने लगा।
पीडि़त ने आनन-फानन में घटना की जानकारी पीडि़त ने हजरतगंज स्थित साइबर सेल में दी और मुकदमा दर्ज कराया था। साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीडि़त के बैंक खाते का स्टेटमेंट के अनुसार पेमेन्ट गेटवे से संपर्क कर पीडि़त का पैसा होल्ड करवा दिया। गेटवे के अधिकारियों से संपर्क कर साइबर सेल ने जालसाजी की घटना की जानकारी दी।
गेटवे ने 1 जनवरी को पीडि़त के खाते में उक्त रकम वापस लौटा दी।