मेरठ। भारतीय जनता पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। मुजफ्फरनगर के मीरापुर सीट से भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने पार्टी छोड़ आरएलडी जॉइन कर ली है। अवतार चार बार के सांसद रहे हैं। बुधवार सुबह उन्होंने आरएलडी चीफ जयंत चौधरी से मुलाकात की। इसकी तस्वीर भी जयंत ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।
इस विधानसभा चुनाव में अब वह गुर्जर बाहुल्य इलाके गौतमबुद्धनगर की जेवर सीट से चुनाव लड़ेंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने के दूसरे दिन भाजपा को गुर्जर बिरादरी में बड़ा झटका लगा है। 10 फरवरी को वेस्ट यूपी में चुनाव हैं।
गुर्जर बिरादरी में बड़ा कद
हरियाणा के रहने वाले 8 वीं पास अवतार सिंह भड़ाना 64 साल के हैं। उनका राजनीतिक सफर लंबा है। कांग्रेस के टिकट वह फरीदाबाद से 3 बार और मेरठ से एक बार सांसद रहे चुके हैं। 2017 में भाजपा से मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और बहुत कम वोटों से वह चुनाव जीत सके। योगी सरकार में वह अपनी अनदेखी मानते रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने हरियाणा की फरीदाबाद सीट से कांग्रेस के सिंबल पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और हार गए।
योगी सरकार में रही गुर्जरों की अनदेखी
योगी सरकार में गुर्जर अपनी अनदेखी मानते रहे। वेस्ट यूपी में 15 सीटों पर गुर्जरों का वोट बैंक मजबूत है। 2017 से ही वह प्रदेश सरकार में मंत्री बनने की दौड़ में थे। लेकिन वेस्ट यूपी से किसी भी गुर्जर नेता को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया। सम्राट मिहिर भोज के नाम पर गौतमबुद्धनगर में हुए विवाद के बाद गुर्जर बिरादरी भी भाजपा से छिटकने लगी है।
विधानसभा चुनाव की तैयारी होते ही पूर्व सांसद व भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना का गौतमबुद्धनगर में आना जाना बढ़ता गया। कई बार वह जेवर विधानसभा के गांवों में भी पहुंचे। जहां जाट व गुर्जर बिरादरी के लोगों के कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
उन्होंने पहले ही साफ जाहिर कर दिया था की वह जेवर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। पूर्व में इस सीट पर बसपा का दबदबा रहा। 2017 के चुनाव में भाजपा के धीरेंद्र सिंह ने पूर्व मंत्री वेदराम भाटी को हराया। गठबंधन के बाद अब बताया जा रहा है की नोएडा सपा व जेवर रालोद के खाते में जा रही है।
अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए
22 सितंबर 2021 को गौतमबुद्धनगर के दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण होना था। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। सीएम के आने से पहले मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर हटा दिया। जिसके बाद गुर्जर भड़क गए।
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योगी सरकार के खिलाफ गुर्जर बगावत पर उतर आए। अगले दिन चिटहेरा गांव में 25 हजार से अधिक गुर्जरों की पंचायत हुई। जिसमें अवतार सिंह भड़ाना भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। भाजपा विधायक भड़ाना अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए।
बिना विधायक पहली बार बने थे मंत्री
अवतार भड़ाना वेस्ट यूपी और हरियाणा में राजनीति में बड़ा नाम है। उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत भी ऐसी रही। 1988 में वह बिना विधायक के हरियाणा में देवीलाल की सरकार में शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री रहे। उसके बाद से तीन दशक तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। शुरूआती दौर में ही वह विपक्षियों पर हावी हाते थे। 1999 के लोकसभा चुनाव में 15 दिन में ही मेरठ की लोकसभा सीट निकाल ले गए थे।