तिरुवनंतपुरम। केरल के वायनाड में कांग्रेस को एक और झटका लगा है, जो कि राहुल गांधी के प्रतिनिधित्व वाली वीआईपी लोकसभा सीट भी है। केपीसीसी कार्यकारी समिति के सदस्य बालचंद्रन ने पार्टी के साथ अपने 52 साल के लंबे जुड़ाव को समाप्त करते हुए कहा कि बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक दोनों समुदाय कांग्रेस से दूर जा रहे हैं और लोग उस पार्टी के साथ खड़े नहीं होंगे जिसने अपनी दिशा खो दी है।
बालचंद्रन ने कांग्रेस के राज्य नेतृत्व की कार्यशैली की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि वे लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर स्पष्ट राजनीतिक रुख अपनाने में सक्षम नहीं हैं। एक सम्मेलन में इस फैसले की घोषणा करते हुए बालचंद्रन ने कहा कि, पार्टी छोड़ने का उनका फैसला इस अहसास पर आधारित था कि वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावना के अनुरूप काम नहीं कर पाएंगे।
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कई विधायक पहले ही छोड़ चुके हैं पार्टी
वायनाड में कांग्रेस में हो रहे इस्तीफे की श्रृंखला में बालचंद्रन का ये ताजा मामला है। पूर्व विधायक के सी रोसाकुट्टी, केपीसीसी सचिव एम एस विश्वनाथन और डीसीसी महासचिव अनिल कुमार ने इस साल अप्रैल में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी थी।
वहीं, बालचंद्रन का पार्टी छोड़ने का फैसला भी कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व के लिए एक झटका है, जो केपीसीसी प्रमुख के सुधाकरन और नेता के कामकाज की शैली के विरोध में केपी अनिल कुमार और पीएस प्रशांत जैसे प्रमुख नेताओं के इस्तीफे से बौखला गया है।
इससे पहले भी केरल में कांग्रेस को लगातार कई झटके लगे हैं। पीसी चाको के अलावा विजयन थॉमस ने भी पार्टी छोड़ दी थी। साथ ही बीते दिनों ही वायनाड जिले के कई कांग्रेस नेताओं ने इस्तीफा सौंप दिया था।