देश में कोरोना को हराने की जंग के खिलाफ वैक्सीनेशन को तेज करने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में अब जल्द ही देश में मॉडर्ना की वैक्सीन का भी आयात हो सकता है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) जल्द ही सिपला को मॉडर्ना की वैक्सीन आयात करने की मंजूरी दे सकती है।
इसके अलावा अमेरिकी वैक्सीन कंपनी ‘मॉर्डना’ ने भारत में अपने कोविड-19 रोधी टीके के लिए नियामकीय मंजूरी मांगी और सिपला ने टीके के आयात, विपणन संबंधी प्राधिकार के लिए आवेदन किया। ऐसा बताया जा रहा है कि भारत का औषधि महानियंत्रक 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए ‘मॉर्डना’ के कोविड-19 रोधी टीके के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे सकता है।
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बता दें कि दुनिया के कई अमीर देशों में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। आंकड़ों की माने तो अमेरिका में अबतक 12 करोड़ लोगों को फाइजर या मॉडर्ना की वैक्सीन दी जा चुकी है और इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर कोई चिंता वाली खबर अभी तक सामने नहीं आई है।
इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी केंद्र सरकार से फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसे अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन उम्मीदवारों को इजाजत देने की अपील की थी। बता दें कि मॉडर्ना की वैक्सीन मैसेंजर आरएनए पर निर्भर करती है, जो कोशिकाओं को कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी तैयार करने के लिए प्रोग्राम करते हैं।
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इस वैक्सीन को लेकर किए गए क्लिनिकल परीक्षण के परिणाम बताते हैं कि ये वैक्सीन कोरोना संक्रमण के लक्षणों वाले मामलों के खिलाफ 90 फीसदी से ज्यादा कारगर है। इसके अलावा नेशनल टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल भी रहे चुके हैं कि सरकार लगातार विदेशी वैक्सीन निर्माताओं के संपर्क में है।