लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को टीम-09 की बैठक कर प्रदेश में कोविड व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यथाशीघ्र सभी पात्र लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाया जाए। उन्होंने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण कोविड के प्रसार को रोकने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। यह संतोषजनक है कि हमारा प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण में अन्य राज्यों के सापेक्ष प्रथम स्थान पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 23 करोड़ 15 लाख 37 हजार से अधिक डोज लगाई जा चुकी है। जबकि नौ करोड़ 63 लाख से अधिक टेस्टिंग हो चुकी है। यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टेस्टिंग-टीकाकरण है। स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों, निगरानी समितियों, स्थानीय प्रशासन के साथ ही तत्परता से टीका लगवाने वालों का अभिनन्दन।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 93.90 प्रतिशत लोगों ने टीके की पहली डोज ली है। 59.20 फीसदी से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। विगत दिवस तक 15-17 आयु वर्ग के लगभग 39 फीसद किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। वहीं चार लाख 09 हजार पात्र लोगों को प्रीकॉशन डोज भी दी जा चुकी है। मख्यमंत्री ने कहा कि यथाशीघ्र सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए। जिनकी दूसरी डोज बकाया हो, उनकी सूची तैयार कर संपर्क करें और उन्हें टीका लगवाएं। किशोर टीकाकरण में धीमी गति वाले जिलों से संवाद बनाएं। स्कूल, कॉलेजों में कैम्प लगाए जाएं।
यह संक्रमण कम तीव्रता वाला है। लक्षण दिखने पर सामान्य मरीज होम आइसोलेशन में रहकर चिकित्सक की सलाह से अपना इलाज कर सकता है। विगत 24 घंटों में दो लाख 16 हजार 152 कोरोना टेस्ट किए गए। उसमें से 15 हजार 622 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए। इसी अवधि में 12 हजार 402 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की एक लाख छह हजार 616 है। इनमें से एक लाख दो हजार 211 लोग घर पर ही उपचाराधीन हैं। बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है। यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह है। इसलिए इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी एहतियात अवश्य बरते जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 23 जनवरी को प्रस्तावित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के सुव्यवस्थित आयोजन के संबंध में पुख्ता तैयारियां कर ली जाएं। कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन हो। हर केंद्र पर मास्क, सैनिटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर की उपलब्धता होनी चाहिए। परीक्षा केंद्र निर्धारण में संस्थान के पिछले रिकॉर्ड को जरूर देखें। दागी और संदिग्ध छवि वाले संस्थानों को केंद्र कतई न बनाएं। परीक्षा की शुचिता के दृष्टिगत अपर मुख्य सचिव गृह और एडीजी कानून-व्यवस्था, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा के साथ जिलाधिकारियों, बेसिक शिक्षा अधिकारियों एवं परीक्षा आयोजन से जुड़े अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कर व्यवस्थाओं की पड़ताल करें।
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शीतलहर और कोविड को देखते हुए असहाय, निराश्रित लोगों, अकेले रह रहे बुजुर्ग जनों, दिव्यांगजनों पर विशेष ध्यान दिया जाए। रैन बसेरों में समुचित प्रबंध रखे जाएं। पुलिस, राजस्व, नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके समुचित इलाज, भोजन आदि की व्यवस्था जरूर करे। ऐसे व्यक्ति यदि संक्रमित होते हैं तो उनके साथ अतिरिक्त संवेदनशीलता का भाव रखा जाना अपेक्षित है। बारिश, ओलावृष्टि के कारण कुछ जिलों से जन-धन की क्षति होने की सूचना मिली है। राहत विभाग पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ प्रभावित लोगों से संपर्क करे। लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए।