इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan) तीन मामलों में अंतरिम जमानत के लिए लाहौर के एंटी-टेररिज्म कोर्ट पहुंचे। इसमें से एक मामला लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस में हमले और आगजनी से जुड़ा हुआ है। अदालत ने आगजनी के इस मामले समेत तीन केस में इमरान को बेल दे दी है। लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस को पाकिस्तान में जिन्ना हाउस के तौर पर भी जाना जाता है। Imran Khan की हाईकोर्ट से गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने जिन्ना हाउस में तोड़फोड़ और आगजनी की थी।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) चीफ इमरान की तरफ से बैरिस्टर सलमान सफदर ने अदालत में याचिकाएं दायर की थीं। याचिकाओं में अदालत से गुजारिश की गई कि इमरान को बेल दी जाए, ताकि वह जांच में शामिल हो सकें। अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए इमरान को तीनों ही मामलों में 2 जून तक अंतरिम बेल दी है। कोर्ट ने इमरान से कहा है कि वह एक लाख रुपये का श्योरिटी बॉन्ड जमा करें। साथ ही इन मामलों की जांच में भी शामिल हों।
दरअसल, इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक भड़क उठे। हिंसा की शुरुआत इस्लामाबाद से हुई, फिर इसकी आग लाहौर तक पहुंच गई। लाहौर में इमरान समर्थक सेना के प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने लगे। उनके रोष और गुस्से की भेट कायदे आजम का घर चढ़ गया। एक जमाने में यहां मोहम्मद अली जिन्ना रहा करते थे, मगर अब ये लाहौर कॉर्प्स कमांडर का घर है।
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प्रदर्शनकारियों को मालूम था कि ये घर सेना से जुड़ा हुआ है। इस वजह से उन्होंने यहां पर जमकर उत्पात मचाया। जिन्ना हाउस की खिड़कियों-दरवाजों को तोड़ दिया गया। घरों से सामान को चुरा लिया गया और यहां तक की कुछ लोगों को कपड़ा और खाना ले जाते हुए देखा गया। घटना से जुड़े कई सारे वीडियो भी देखने को मिले, जिसमें तोड़फोड़ और आगजनी को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था।
लाहौर पुलिस ने इस मामले में इमरान खान और पीटीआई के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऊपर केस दर्ज किया गया। लाहौर में हुई इस हिंसा के लिए इन सभी लोगों को आरोपी बनाया गया। कई सारे पीटीआई नेताओं की गिरफ्तारी भी की गई।