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अयोध्या के अलावा कई जगहों पर आज भी हैं मौजूद हैं प्रभु राम के निशान

lord ram

पुरुषोत्तम भगवान राम

धर्म डेस्क। अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है जहां पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होगा। अयोध्या के अलावा भारत के अन्य हिस्सों में भी ऐसे धार्मिक तीर्थ स्थल हैं जिनका संबंध प्रभु श्रीराम से है। रामायण में इन स्थानों का वर्णन मिलता है और आज भी इन जगहों पर भगवान श्रीराम की निशानियां मौजूद हैं। आइए जानते हैं इन जगहों के बारे में और रामायण में क्या है इन स्थलों का महत्व।

प्रयाग

प्रयाग नगरी को संगम नगरी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक दृष्टि से यह स्थान बेहद ही महत्वपूर्ण है। रामायण के अनुसार, प्रयाग, वह जगह है जहां राम, लक्ष्मण और सीता ने 14 साल के वनवास के लिए अपने राज्य जाते हुए पहली बार विश्राम किया था। वर्तमान समय में यह स्थान इलाहाबाद के नाम से जाना जाता है और यह उत्तर प्रदेश का हिस्सा है। यहां आज हिंदू धर्म का सबसे बड़ा कुंभ मेला लगता है।

चित्रकूट

वाल्मीकि कृत रामायण के अनुसार चित्र वही स्थान है जहां पर भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान 11 साल बिताए थे। वर्तमान में यह जगह आज मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच में स्थित है। यहां आज के समय में भगवान राम के कई मंदिर हैं। कहा जाता है कि इसी स्थान पर प्रभु राम से मिलने भरत जी आये थे। तब उन्होंने राम को राजा दशरथ के देहांत की सूचना दी थी और उनसे घर लौटने का अनुरोध किया था। चित्रकूट में आज भी भगवान राम और सीता के कई पद चिन्ह मौजूद हैं।

जनकपुर

जनकपुर भगवान श्रीराम का ससुराल था। माता सीता का जन्म जनकपुर में ही हुआ था। यह धार्मिक स्थल वर्तमान में नेपाल में स्थित है। कहते हैं यहीं पर भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। जनकपुर शहर में आज भी उस विवाह मंडप और विवाह स्थल के दर्शन कर सकते हैं, जहां माता सीता और रामजी का विवाह हुआ था। जनकपुर के आस-पास के गांवों के लोग विवाह के अवसर पर यहां से सिंदूर लेकर आते हैं, जिनसे दुल्हन की मांग भरी जाती है। मान्यता है कि इससे सुहाग की उम्र लंबी होती है।

किष्किंदा

रामायण के अनुसार, किष्किंदाराज्य का संबंध बाली और सुग्रीव से है। वर्तमान में यह कर्नाटक के हम्पी शहर के आस-पास के इलाके में माना गया है। युनेस्को ने इस जगह को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। भगवान रामचन्द्र जी ने बालि को मारकर सुग्रीव का अभिषेक लक्ष्मण द्वारा इसी नगरी में करवाया था। किष्किंदा में ही भगवान राम अपने सबसे बड़े भक्त हनुमान से मिले थे।

रामेश्वरम

रामेश्वरम चार धामों में से एक है। वर्तमान में रामेश्वरम दक्षिण भारत तमिलनाडु राज्य में स्थित है। रामेश्वर आज देश में एक प्रमुख तीर्थ केंद्र है। लंका पर चढ़ाई करने से पूर्व श्रीराम ने यहां पर शिव आराधना की थी। रामसेतु का निर्माण भी रामेश्वरम से प्रारंभ हुआ था। इस सेतु को भारत में रामसेतु व दुनिया में एडम्स ब्रिज के नाम से जाना जाता है।

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