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इस तरह करें शिवजी की अर्चना, जानें क्या है इस व्रत का महत्व

Desk by Desk
06/09/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
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Mahashivratri 2021

Mahashivratri 2021

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धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद खास माना जाता है। यह व्रत हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। अत: एक माह में दो प्रदोष तिथि आती हैं। इस दिन शिव जी की आराधना की जाती है। आज यानी 30 अगस्त को भी प्रदोष व्रत है। जो प्रदोष व्रत रविवार को आता है उसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं। मान्यता है कि इस व्रत का प्रारंभ सबसे पहले चंद्र देव ने किया था। साथ ही यह भी कहा जाता है कि त्रयोदशी के दिन किया गया व्रत सौ गायों के दान के बराबर होता है। आइए जानते हैं इस तरह शिवजी की पूजा।

इस तरह करें रवि प्रदोष व्रत की पूजा:

  • त्रयोदशी तिथि पर सूर्योदय से पहले उठ जाएं। फिर नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें।
  • फिर उगते सूरज को जल का अर्घ्य दें। इसके लिए तांबे के पात्र में जल लें और उसमें रोली और अक्षत् डालें। इसी से सूर्य को अर्घ्य दें।
  • फिर भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें। फिर व्रत को सच्चे मन और विधि-विधान से करने का संकल्प लें।
  • पूरे दिन का व्रत करें। फिर शाम को एक बार फिर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
  • फिर शाम की पूजा की तैयारी करें। भगवान शिव को बिल्ब पत्र, कमल समेत अन्य पुष्प चढ़ाएं। शिवजी को धतूरे का फल अवश्य अर्पित करें।
  • शिवजी के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा करना न भूलें।
  • पूजन के बाद रुद्राक्ष की माला से ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • माता पार्वती और शिवजी की आरती करें। फिर अपने सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मण को भोजन कराएं और दक्षिणा दें। सब में प्रसाद बांटे।
  • भगवान के लिए नैवेद्य में सत्तू, घी एवं शकर का भोग अवश्य लगाएं। वहीं, 8 दिशाओं में 8 दीपक रखें और उन्हें 8 बार नमस्कार करें।
  • फिर नंदीश्वर (बछड़े) को जल एवं दूर्वा अर्पित करें।

क्या है रवि प्रदोष का महत्व:

जो प्रदोष व्रत रविवार को आता है उसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं। इस व्रत को करने से आयु वृद्धि होती है और अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। वहीं, इस पूजा को करने से दाम्पत्य सुख भी बढ़ता है। साथ ही जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर हो जाती है। इस व्रत के प्रभाव से तरक्की भी मिलती है। शिव-पार्वती अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

Tags: Lifestyle and Relationshipravi pradosh vratRavi Pradosh Vrat ImportanceRavi Pradosh Vrat Puja VidhiRavi Pradosh Vrat Significance
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