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इस तरह करें शिवजी की अर्चना, जानें क्या है इस व्रत का महत्व

Mahashivratri 2021

Mahashivratri 2021

धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद खास माना जाता है। यह व्रत हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। अत: एक माह में दो प्रदोष तिथि आती हैं। इस दिन शिव जी की आराधना की जाती है। आज यानी 30 अगस्त को भी प्रदोष व्रत है। जो प्रदोष व्रत रविवार को आता है उसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं। मान्यता है कि इस व्रत का प्रारंभ सबसे पहले चंद्र देव ने किया था। साथ ही यह भी कहा जाता है कि त्रयोदशी के दिन किया गया व्रत सौ गायों के दान के बराबर होता है। आइए जानते हैं इस तरह शिवजी की पूजा।

इस तरह करें रवि प्रदोष व्रत की पूजा:

क्या है रवि प्रदोष का महत्व:

जो प्रदोष व्रत रविवार को आता है उसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं। इस व्रत को करने से आयु वृद्धि होती है और अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। वहीं, इस पूजा को करने से दाम्पत्य सुख भी बढ़ता है। साथ ही जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर हो जाती है। इस व्रत के प्रभाव से तरक्की भी मिलती है। शिव-पार्वती अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

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