नई दिल्ली। सेना दिवस के मौके पर शुक्रवार को भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने चीन और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि वे हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का निरीक्षण और सैनिकों को उनकी वीरता के लिए सम्मानित करने के बाद नरवणे ने एक संबोधन में दोनों पड़ोसी देशों की नापाक हरकतों पर टिप्पणी की है।
#WATCH | Indian Army showcases different types of tanks and missile systems at #ArmyDay parade 2021 in Delhi. pic.twitter.com/yHeaQYG4yS
— ANI (@ANI) January 15, 2021
सेनाध्यक्ष ने कहा कि बीता साल हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है। उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ चल रहे तनाव से आप परिचित हैं। एकतरफा बदलाव की साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश को विश्वास दिलाना चाहूंगा कि गलवान के शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। भारतीय सेना देश के सम्मान पर कोई आंच नहीं देगी। हम बातचीत और राजनीतिक प्रयासों से विवाद के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन कोई भी हमारे धैर्य की परीक्षा न ले।
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हम उनके नापाक इरादों को सफल नहीं होने देंगे- सेनाध्यक्ष
पाकिस्तान का जिक्र करते हुए सेनाध्यक्ष ने कहा कि हम उनके नापाक इरादों को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर भी दुश्मन के हर नापाक इरादे का करारा जवाब दिया जा रहा है। आंतकियों को प्रश्रय देने की अपनी आदत से पाकिस्तान लाचार है। सीमा पार 300-400 आतंकी घुसपैठ के इरादे से बैठे हैं, लेकिन हम उनके इरादे सफल नहीं होने देंगे।
सेनाध्यक्ष ने कहा कि सेना के प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में न केवल हिंसा की घटनाओं में काफी गिरावट आई है बल्कि आवाम को भी आतंकवाद से राहत मिली है।
The Army is taking concrete steps towards its modernisation. Under emergency & fast-track schemes, Army procured equipment worth about Rs 5,000 crores and signed contracts worth Rs 13,000 crores in the last year under capital procurement: Indian Army Chief General MM Naravane pic.twitter.com/2GfVx6A1Ih
— ANI (@ANI) January 15, 2021
भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि सेना अपने आधुनिकीकरण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। आपातकालीन और फास्ट-ट्रैक योजनाओं के तहत, सेना ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे और पूंजीगत खरीद के तहत पिछले वर्ष में 13,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।