नई दिल्ली। सेना दिवस पर 15 जनवरी को पहली बार भारतीय सेना ने ड्रोन के अटैक का एक नमूना पेश किया। सेना दिवस पर हुई परेड के एक मॉक ड्रिल में दिखाया कि कैसे ड्रोन मानव के हस्तक्षेप के बगैर ही दुश्मन पर सटीकता से निशाना लगा सकते हैं। जब कई ड्रोन मिलकर एक दुश्मन को खत्म करने के मिशन को अंजाम देते हैं तब इस प्रोसेस को ड्रोन स्वॉर्मिंग कहते हैं। इस नई तकनीक के जरिए सेना भविष्य में युद्ध के पूरे तरीके को ही बदल सकती है। इतना ही नहीं नो कॉन्टेक्ट वॉरफेयर यानी बिना कॉनटेक्ट से युद्ध में यह बेहद अहम साबित होगी।
10वीं से ऊपर कक्षाओं के छात्रों के खातों में आएगी छात्रवृत्ति, जानें पूरी डिटेल
सैनिक दिवस की परेड में कई ड्रोनों ने साथ में विपक्षी टैंक, आतंकीवादियों के कैंप, हैलीपैड और फ्यूल स्टेशन सहित कई जगहों को धवस्त करने का नजारा दिखाया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए यह ड्रोन बिना किसी मानव हस्तक्षेप के दुश्मन के इलाके में 50 किलोमीटर तक अंदर दाखिल हुए और टारगेट की पहचान कर उन्हें नष्ट किया। इस इस तकनीक में साभी ड्रोन एक दूसरे से संपर्क में रहते हैं और मिलकर मिशन को अंजाम देते हैं।