नई दिल्ली। भारतीय सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने मंगलवार को कहा कि सेना का मनोबल ऊंचा है। उन्होंने कहा कि सेना न सिर्फ पूर्वी लद्दाख में बल्कि उत्तरी बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट मोड में है। यहां सेना हर चुनौती से निपटने को तैयार है।
यह बात आर्मी चीफ ने अपने वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। उन्होंने कहा कि पिछला साल चुनौतियों से भरा था। बॉर्डर पर तनाव और कोरोना संक्रमण का भी खतरा था, लेकिन सेना ने इसका कामयाबी से सामना किया है।
There is increased cooperation between China and Pakistan in both military and non-military sectors. The two-front threat is something that we should be prepared to deal with: Army Chief General MM Naravane pic.twitter.com/utNdbda6KA
— ANI (@ANI) January 12, 2021
सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान और चीन मिलकर भारत के लिए एक शक्तिशाली खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि टकराव की आशंका को दूर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमने उत्तरी बॉर्डर पर और लद्दाख में उच्च स्तर की तैयारी की है और किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार हैं।
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लद्दाख और उत्तरी सीमा की तैयारियों का जिक्र करते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि सेना ने सर्दियों को लेकर पूरी तैयारी की है। लद्दाख की स्थिति की जानकारी देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि हमें शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद है, लेकिन हम किसी भी आकस्मिक चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। इसके लिए भारत की सभी लॉजिस्टिक तैयारी पूरी है।
उन्होंने कहा कि हर साल पीएलए के सैनिक पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्रों में आते हैं। सर्दियों और प्रशिक्षण अवधि के पूरा होने के साथ, प्रशिक्षण क्षेत्रों को खाली कर दिया गया है। उन सैनिकों को मानने के लिए जो तिब्बती पठार में गहराई वाले क्षेत्रों में थे वापस आ गए हैं और पठार पर ताकत में कमी आई है। यहां पर उनकी (चीन) या हमारे पक्ष की ताकत में कोई कमी नहीं हुई है जहां तक कि घर्षण हमारे संबंध को इंगित करता है।
सेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में हम चौकस हैं। चीन के साथ कॉर्प्स कमांडर लेवल की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है। हम अगले राउंड की वार्ता का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि संवाद और सकारात्मक पहल से इस मुद्दे का हल निकलेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना की तैयारी बेहद उच्च कोटि की है। सेना का मनोबल भी ऊंचा है।
सेना प्रमुख ने कहा कि जवानों के तनाव पर यूएसआई की रिपोर्ट पर मैं कहूंगा कि 400 का नमूना आकार पर्याप्त नहीं है। 99 फीसदी सटीकता के लिए, कम से कम 19,000 नमूने लिए जाने चाहिए थे। जवानों में तनाव से निपटने के लिए हमने कई उपाय किए हैं। आत्महत्याओं की संख्या में साल-दर-साल कमी आई है।
सेना प्रमुख ने कहा कि वास्तव में उत्तरी सीमाओं की ओर पुनर्संतुलन की आवश्यकता थी और यही हमने अब लागू किया है। जब तक हमारे राष्ट्रीय लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए हमें अपनी जमीन पकड़ मजबूत करने के लिए तैयार नहीं किया जाता है।