बेंगलुरु। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध जारी है। इसके बीच बुधवार को कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर यथास्थिति में बदलाव की कोशिशों को लेकर सतर्क है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी दुस्साहस से निपटने को तैयार है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सेना के आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च किए जाएंगे। सिंह ने यहां येलाहंका वायुसेना स्टेशन में आयोजित ‘एरो इंडिया-2021’ के उद्घाटन समारोह में कहा कि हम अपनी अनसुलझी सीमाओं पर यथास्थिति बदलने के लिए बल की तैनाती के कई दुर्भाग्यपूर्ण प्रयासों को लंबे समय से देख रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत अपने लोगों एवं क्षेत्रीय अखंडता की हर कीमत पर रक्षा करने के लिए किसी भी दुस्साहस का सामना करने और उसे शिकस्त देने के लिए सतर्क एवं तैयार है। भारत और चीन के बीच पिछले साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों ने इस गतिरोध को सुलझाने के लिए कई दौर की वार्ता की है, लेकिन इसमें कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। तीन दिन तक चलने वाला एरो इंडिया शो एशिया की सबसे बड़ी रक्षा एवं वैमानिकी प्रदर्शनी है जिसका आयोजन ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ की शक्ति के साथ कोविड-19 महामारी के बीच हो रहा है।
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इस तेरहवें द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय आयोजन को विश्व का पहला हाइब्रिड एरोस्पेस शो कहा जा रहा है जिसका आयोजन भौतिक एवं डिजिटल दोनों तरह से हो रहा है। सिंह ने कहा कि भारत की योजना बड़े एवं जटिल मंचों के घरेलू विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगामी सात से आठ साल में रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च करने की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्यात एवं विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर रक्षा क्षेत्र में 2014 के बाद से कई सुधार किए हैं।
सिंह ने कहा कि आत्म-निर्भरता एवं निर्यात के दोहरे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए, सरकार ने 2024 तक एरोस्पेस एवं रक्षा सामग्री और सेवाओं में 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात समेत रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में 1,75,000 करोड़ रुपये की कुल बिक्री हासिल करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि हमारी आगामी सात से आठ साल में रक्षा आधुनिकीकरण पर 130 अरब डॉलर खर्च करने की योजना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि अपने कई मित्रवत देशों की तरह भारत के सामने भी कई मोर्चों से खतरे और चुनौतियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि देश राज्य प्रयोजित आतंकवाद का पीड़ित रहा है और यह आतंकवाद अब एक वैश्विक खतरा बन गया है। सिंह ने कहा कि सरकार ने देश के रक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए हाल में कई कदम उठाए हैं।
मंत्री ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत बड़े एवं जटिल रक्षा मंचों का घरेलू विनिर्माण देश की नीति का केंद्र बन गया है। सिंह ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि इस समारोह में 55 से अधिक देशों की 80 विदेशी कंपनियों, रक्षा मंत्रियों, प्रतिनिधिमंडलों, सेवा प्रमुखों एवं अधिकारियों समेत करीब 540 प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह वैश्विक समुदाय में बढ़ते आशावाद को दर्शाता है।
सिंह ने प्रदर्शनी में भौतिक रूप से शामिल हुए मालदीव, यूक्रेन, इक्वेटोरियल गिनी, ईरान, कोमोरोस और मैडगास्कर के रक्षा मंत्रियों का आभार व्यक्त किया तथा उन देशों के रक्षा मंत्रियों का भी आभार व्यक्त किया जो इस कार्यक्रम में डिजिटल रूप से शामिल हो रहे हैं। सिंह ने वैश्विक कंपनियों को सरकार की विभिन्न पहलों का लाभ उठाकर भारत में अपनी उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा कि इस साल के कार्यक्रम में वैश्विक महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के आने से वह बेहद खुश हैं। एरो इंडिया शो में हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व सहयोग विषय पर हिन्द महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन भी हो रहा है।