युवती को झांसा देकर दुराचार करने के आरोपों को लेकर पीस पार्टी के प्रमुख और पूर्व विधायक मो. अयूब के खिलाफ चल रहे मामले में कई साल से गवाही के लिए हाजिर न होने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
कोर्ट ने तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी, क्षेत्राधिकारी अंकिता सिंह, इंस्पेक्टर नागेश कुमार मिश्र समेत 11 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने सभी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 अक्तूबर की तारीख तय की है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मामला चार साल से चल रहा है, लेकिन अभियोजन ने केवल चार गवाहों की गवाही कराई है। कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख पर इंदिरानगर के बाल महिला हॉस्पिटल की डॉ. रुबीना को अगली तारीख पर गवाही के लिए हाजिर करें।
इसके बाद कोर्ट ने मामले में गवाह तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी, क्षेत्राधिकारी अंकिता सिंह, इंस्पेक्टर नागेश कुमार मिश्र, दरोगा राजेश सिंह, सिपाही शैलेंद्र और वादी समेत 11 लोगों को हाजिर करने के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
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पत्रावली के अनुसार, वादी ने मड़ियांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक प्रत्याशी डॉ. अयूब अपना प्रचार करते हुए उसके आंबेडकर नगर स्थित गांव आए और उसकी बहन से कहा कि मेरे लिए प्रचार करो।
कहा कि जब हम जीत जाएंगे तो तुम्हें पढ़ने के लिए लखनऊ भेज देंगे और नौकरी लगवा देंगे। कहा गया कि जीतने के बाद डॉ. अयूब ने वादी की बहन को सेवा अस्पताल में पढ़ने के लिए भेजा जहां आरोपी ने उसकी बहन के साथ दुराचार किया।
इस मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी पूर्व विधायक के खिलाफ चार्जशीट लगाकर कोर्ट भेज दिया था।