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दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल फिर मुसीबत में, एलजी ने ईडी को इस केस चलाने की दी अनुमति

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शराब नीति मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) ने इस मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ केस चलाने के लिए ईडी को अनुमति दे दी है। इस मामले में ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ आरोप लगाया है कि उन्होंने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया था। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को खारिज करती आयी है।

दिल्ली के उपराज्यपाल ऑफिस (Delhi LG Office) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि “दिल्ली के एलजी वी. के. सक्सेना ने आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।”

वहीं, उपराज्यपाल की ओर से ईडी को केस चलाने की अनुमति मिलने के बाद केजरीवाल और आप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसका आगामी विधानसभा चुनाव में भी असर देखने को मिल सकता है।

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केन्द्रीय जांच एजेंसी (ED) ने दावा किया था कि उसे कथित तौर पर शराब नीति (Liquor Policy) के “निर्माण और कार्यान्वयन में भारी भ्रष्टाचार” का पता चला है। इसका उल्लेख इस साल 17 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर अभियोजन शिकायत संख्या 7 में किया गया था। कोर्ट ने 9 जुलाई को शिकायत का संज्ञान लिया था। हालांकि, आप ने इन आरोपों को खारिज किया था। उनसे दावा किया था कि इसके पीछे भाजपा का मकसद आप और अरविंद केजरीवाल को कुचलना है।

ईडी के आरोपो पर आप ने कहा था, “तथाकथित शराब घोटाले की जांच दो साल तक चली, 500 लोगों को परेशान किया गया, 50,000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए गए और 250 से अधिक छापे मारे गए और एक पैसा भी बरामद नहीं हुआ। विभिन्न अदालती आदेशों द्वारा मामले में कई खामियां उजागर हुईं हैं।” केजरीवाल की पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि “भाजपा का असली लक्ष्य किसी भी तरह से आप और अरविंद केजरीवाल को कुचलना था।”

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