यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं को जमानत मिल गई है। गुजरात हाई कोर्ट ने मां की तबीयत ठीक ना होने की वजह से नारायण साईं को 10 दिनों के लिए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। नारायण साईं पर आसाराम के आश्रम में रहने वाली साधिकाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया था।
इससे पहले आसाराम बापू की जमानत याचिका पर सुनवाई की अर्जी जोधपुर कोर्ट ने स्वीकार कर ली। आसाराम की अर्जी पर जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई होगी। कोर्ट में आसाराम ने अपनी उम्र की दलील देते हुए कोर्ट से सुनवाई की अपील की थी।
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जस्टिस संदीप मेहता व रामेश्वरलाल व्यास की खंडपीठ ने आसाराम की अर्जी स्वीकार कर ली। आसाराम का कहना था कि वह 80 साल के वृद्ध हैं और साल 2013 से जेल में बंद हैं। कोर्ट से आसाराम ने कहा कि उनकी अपील पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए। आसाराम की अर्जी वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल चौधरी व प्रदीप चौधरी ने पेश की थी।
साल 2013 में एक नाबालिग लड़की ने जोधपुर के निकट मनाई आश्रम में आसाराम पर रेप का आरोप लगाया था। 31 अगस्त 2013 को आसाराम को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। आसाराम पर पोस्को, जुवेनाइनल जस्टिस एक्ट, रेप, आपराधिक षडयंत्र और दूसरे कई मामलों के तहत केस दर्ज है।
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साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में आसाराम ने जमानत याचिका लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अप्रैल 2018 में जोधपुर स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की के साथ रेप का दोषी पाया। अदालत ने आसाराम को पोक्सो कानून के तहत आजीवन कारावास (मृत्यु तक) और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।