शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ को लेकर चल रहे विवाद पर दिग्गज एक्ट्रेस आशा पारेख (Asha Parekh) ने कहा है कि बॉलीवुड हमेशा से ही सॉफ्ट टारगेट रहा है। आशा पारेख ने फिल्म में भगवा रंग की बिकिनी पहनने को लेकर चल रही बहस पर कहा, ‘हमारी सोच बहुत छोटी होती जा रही है जो कि बहुत गलत है।’ दशकों तक मनोरंजन जगत में सक्रिय रहीं आशा पारेख (Asha Parekh) को इस साल दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया है, जिसे इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।
पठान में दीपिका के कपड़ों के रंग को लेकर हो रहे बवाल पर आशा ने कहा, ‘बवाल बिकिनी पर नहीं था, यहां तो ऑरेंज रंग की बिकिनी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि अब हमारा दिमाग बंद होता जा रहा है।’ बॉलीवुड इंडस्ट्री को लेकर फैल रही निगेटिविटी के बारे में एक्ट्रेस ने कहा कि फिल्म तो फिल्म है, जिसका मूल मकसद आपका एंटरटेनमेंट करना है।
उन्होंने कहा, ‘अगर किसी ने ऑरेंज कपड़ा पहन लिया या नाम कुछ ऐसा हो गया तो हम उसे बैन करने जा रहे हैं? ये सब अच्छा नहीं लगता और इससे हमारी इंडस्ट्री मरती जा रही है।’
आशा पारेख (Asha Parekh ) ने कहा कि हमारी फिल्में नहीं चल रही हैं और हालात पहले ही काफी ज्यादा खराब हैं क्योंकि बॉलीवुड की फिल्में नहीं चल रही हैं, और ऐसे में इन बायकॉट और बैन जैसी चीजों से ज्यादा नुकसान होता है।
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आशा पारेख ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि इस तरह की चीजों से इंडस्ट्री खत्म हो जाएगी। लोग कोविड के बाद से वैसे ही थिएटर्स में नहीं जा रहे हैं और ऐसे में अगर नई फिल्में फ्लॉप होती रहेंगी तो मेकर्स नई फिल्में कैसे बनाने की हिम्मत करेंगे। आशा पारेख ने फिल्मों को लेकर वर्तमान में चल रहे माहौल को बहुत गलत बताया है।