• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

इस दिन है आषाढ़ अमावस्या, जानें मुहूर्त, महत्व, उपाय

Writer D by Writer D
24/06/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
Amavasya

Amavasya

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आषाढ़ अमावस्या (Ashadh Amavasya) शुक्रवार, पांच जुलाई को है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा की जायेगी। इस बार आषाढ़ अमावस्या की तिथि पांच जुलाई शुक्रवार को सुबह 04:57 बजे से शुरू होगी और 6 जुलाई को सुबह 4:26 बजे समाप्त होगी। इस दिन गंगा स्नान कर तिल, लड्‌डू व तेल दान करना चाहिए। जुलाई माह में आने वाली अमावस्या तिथि को आषाढ़ अमावस्या (Ashadh Amavasya) कहा जाता है। आषाढ़ अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। आषाढ़ अमावस्या पितृ दोष, कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी यह शुभ दिन है।

आषाढ़ अमावस्या (Ashadh Amavasya) महत्व

गरुड़ पुराण में बताया है कि पूर्वजों के नाराज होने से जातक को जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही दुर्घटना का खतरा बराबर बना रहता है। विशेष तिथि (पूर्णिमा, अमावस्या) पर पित्तरों की पूजा करनी चाहिए।

ज्योतिषियों की मानें तो अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव एवं विष्णु की पूजा करने से कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभावों एवं दोषों से मुक्ति मिलती है। साथ ही बिगड़ी किस्मत भी बन जाती है। अगर आप भी अपने करियर और कारोबार को नया आयाम देना चाहते हैं, तो आषाढ़ अमावस्या पर तीन चीजों से भगवान शिव का अभिषेक करें।

आषाढ़ अमावस्या (Ashadh Amavasya)  का खास उपाय

आषाढ़ अमावस्या (Ashadh Amavasya) के दिन सुबह में स्नान करना चाहिए। अमावस्या तिथि पर पित्तरों का तर्पण और पिंडदान करने से पित्तर खुश होते हैं और अराधना करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। आषाढ़ अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ सूक्तम का पाठ करना चाहिए।

पित्तरों का स्मरण करके उनको जल और कुश की पवित्री से तर्पण करना चाहिए। इससे पित्तर तृप्त होते हैं और अपनी संतान को आशीर्वाद देते हैं। पितृ दोष से मुक्ति के लिए आषाढ़ अमावस्या पर शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जलाएं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पितृ-सूक्तम् का पाठ करने से नाराज पित्तर शांत होते हैं और उसके जीवन के दुखों का अंत होता है।

Tags: Ashadh AmavasyaAshadh Amavasya 2024Ashadh Amavasya dateAshadh Amavasya muhuratAshadh Amavasya totkeAshadh Amavasya upaay
Previous Post

कब रखा जाएगा योगिनी एकादशी व्रत, जानें इसका महत्व

Next Post

कब है गुरु पूर्णिमा, जानें पूजा-विधि और महत्व

Writer D

Writer D

Related Posts

Hair Fall
फैशन/शैली

टूटते-गिरते बालों की समस्या दूर करेगा ये तेल

15/06/2025
masala fish fry
खाना-खजाना

संडे स्पेशल में बनाएं ‘मसाला फिश फ्राई’, खाते ही मुंह से निकलेगा वाह

15/06/2025
Summer
फैशन/शैली

बिजली जाने के बाद भी नहीं लगेगी गर्मी

15/06/2025
Sunscreen
Main Slider

सही सनस्क्रीन का चुनाव कैसे करें, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

15/06/2025
Jalajeera
खाना-खजाना

बार-बार करेगा इसे पीने का मन, लू से बचाने में भी है मददगार

15/06/2025
Next Post
guru purnima

कब है गुरु पूर्णिमा, जानें पूजा-विधि और महत्व

यह भी पढ़ें

Swami Prasad Maurya

‘सही संदर्भ में पढ़ना चाहिए’, श्रीरामचरितमानस मामले में मौर्य को कोर्ट की नसीहत

07/11/2023

भारतीय खिलाड़ियों के साथ दुर्व्यवहार, नस्ल भेदी टिप्पणी का मामला

09/01/2021
kanwariyas

सड़क हादसे में स्कूल प्रिसिंपल की मौत

10/02/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version