हिंदू कैलेंडर के चौथे माह आषाढ़ (Ashadh Month) का प्रारंभ 15 जून दिन बुधवार से हो रहा है. आषाढ़ माह 15 जून को कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होकर 13 जुलाई दिन बुधवार को समाप्त होगा. इस माह में देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi), योगिनी एकादशी, मिथुन संक्रांति, संकष्टी चतुर्थी, मासिक शिवरात्रि, अमावस्या, पूर्णिमा, प्रदोष व्रत, गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima), जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra), गुप्त नवरात्रि जैसे व्रत और त्योहार आने वाले हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट कहते हैं कि आषाढ़ माह (Ashadh month) में भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस माह में ही भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, तब से चातुर्मास का प्रारंभ होता है और चार माह तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है क्योंकि इन चार माह में सभी देव शयन करते हैं.
आषाढ़ (Ashadh month) व्रत और त्योहार
15 जून, बुधवार: मिथुन संक्रांति, आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा
17 जून, शुक्रवार: कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी
20 जून, सोमवार: कालाष्टमी व्रत, मासिक जन्माष्टमी
24 जून, शुक्रवार: योगिनी एकादशी
26 जून, रविवार: प्रदोष व्रत
27 जून, सोमवार: मासिक शिवरात्रि
29 जून, बुधवार: आषाढ़ अमावस्या
30 जून, गुरुवार: गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ, चंद्र दर्शन
01 जुलाई, शुक्रवार: जगन्नाथ रथ यात्रा03 जुलाई, रविवार: विनायक चतुर्थी व्रत
04 जुलाई, सोमवार: स्कंद षष्ठी
09 जुलाई, मंगलवार: गौरी व्रत
10 जुलाई, रविवार: देवशयनी एकादशी, वासुदेव द्वादशी, चातुर्मास का प्रारंभ
11 जुलाई, सोमवार: सोम प्रदोष व्रत
12 जूलाई, मंगलवार: जयापार्वती व्रत
13 जुलाई, बुधवार: गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूजा
आषाढ़ माह के मासिक व्रत और त्योहारों में जगन्नाथ रथ यात्रा, गुरु पूर्णिमा, देवशयनी एकादशी, चातुर्मास विशेष होते हैं. जगन्नाथ रथ यात्रा तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इसमें शामिल होने के लिए कई देशों से श्रद्धालु आते हैं.
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुजनों की पूजा करने की परंपरा है. इस दिन वेद व्यास जी की पूजा करते हैं.