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Lakhimpur Violence: आशीष मिश्रा को मिली ‘सुप्रीम’ राहत, इस काम की दी इजाजत

Ashish Mishra

Ashish Mishra

लखीमपुर खीरी। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा ऊर्फ मोनू (Ashish Mishra) को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत की शर्तों में बदलाव करते हुए आरोपी आशीष मिश्रा को अपनी बीमार मां की देखभाल और बेटी का इलाज कराने के लिए दिल्ली आने की इजाजत दी है। जमानत के नियमों में बदलाव करते हुए कोर्ट ने यह शर्त लगाई है कि वह विचाराधीन मामले के संबंध में किसी भी सार्वजनिक समारोह में भाग नहीं ले सकते।

25 जनवरी को दी थी जमानत

सुप्रीमकोर्ट ने जमानत की शर्तों में बदलाव करते हुए कहा कि आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) बीमार मां से आरएमएल अस्पाताल में जाकर मिल सकते हैं, लेकिन वो मीडिया से बात नहीं करेंगे। साथ ही मिश्रा को उत्तर प्रदेश जाने की भी अनुमति नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 25 जनवरी को 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी। साथ ही जेल से रिहाई के एक हफ्ते के अंदर ही उत्तर प्रदेश को छोड़ने का भी निर्देश दिया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में मिश्रा (Ashish Mishra) को जमानत देते समय कई शर्तें लगाई थीं। अदालत ने मिश्रा को रिहा करते हुए कहा था कि मिश्रा को रिहाई के एक हफ्ते के अंदर ही यूपी छोड़ना होगा। वह यूपी या दिल्ली/एनसीआर में नहीं रह सकते। साथ ही मिश्रा को कोर्ट को अपने स्थान के बारे में बताना होगा। इसके अलावा मिश्रा और उनके परिवार के सदस्य गवाह को प्रभावित नहीं कर सकते। ऐसे में अगर वह इस तरह की कोशिश करते हैं तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी।

क्या है मामला?

किसान आंदोलन के दौरान अक्टूबर 2021 में यूपी के लखीमपुर खीरी में केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध में सड़क पर धरना दे रहे थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने विरोध कर रहे किसानों को एसयूवी से कुचल दिया था, जिसमें कई किसानों की मौत हो गई थी।

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