जयपुर। राजस्थान में व्हिप उल्लंघन के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के यथास्थिति बनाने के आदेश के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र के सामने विधायकों की परेड के लिए होटल से निकल चुके हैं। राजभवन जाने से पहले मुख्यमंत्री फेयरमाउंट होटल में विधायकों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों को एकजुट रहना है और हमारे पास बहुमत है। इतना ही नहीं हमारी सरकार पांच साल तक चलेगी।
Rajasthan: Congress Legislative Party (CLP) meeting underway at Fairmont Hotel in Jaipur. Chief Minister Ashok Gehlot, Congress leader Ajay Maken also present. pic.twitter.com/GGjB8D7JdE
— ANI (@ANI) July 24, 2020
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से किसी दबाव में नहीं आकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर जनता राजभवन को घेरने आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। एक होटल में ठहरे विधायकों के साथ राजभवन की ओर कूच करने के लिये निकले गहलोत ने पत्रकारों को बताया कि सत्र बुलाने के लिये मैंने राज्यपाल को कल ही पत्र सौंप दिया था और उनसे फोन पर भी बात हुई, लेकिन इस मामले में कोइ जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि हम सभी विधायक राजभवन जाकर राज्यपाल से सत्र बुलाने की सामुहिक प्रार्थना करेंगे।
राजस्थान हाईकोर्ट से पायलट को राहत, गहलोत समर्थक राजभवन में करेंगे शक्ति प्रदर्शन
सूत्रों ने बताया कि एक होटल में काफी समय से ठहरे विधायकों का गहलोत पर यह दबाव है कि राजभवन में विधायकों की परेड कराई जाए ताकि बहुमत साबित हो सके। गहलोत बराबर बहुमत का दावा कर रहे हैं, लेकिन अदालती कार्रवाई पर केंद्र सरकार की भूमिका के मद्देनजर वह बहुमत साबित करने के मामले में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते।
If media reports are true about Governor saying that state assembly session can't be conducted due to #COVID19, then we are ready to conduct COVID19 tests of 200 MLAs : Raghu Sharma, Rajasthan Minister & Congress leader pic.twitter.com/ReQyFQcV5F
— ANI (@ANI) July 24, 2020
गहलोत गुरुवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से भी मिले थे। इससे यह कयास लगाया जा रहा था कि सोमवार को विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा, जिसमें बहुमत साबित करने की योजना थी, लेकिन हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद परस्थितियां बदल गईं तथा अब दबाव बनाने के लिये राज्यपाल के सामने विधायकों की परेड कराकर बहुमत साबित करने तथा विपक्ष पर दबाव बनाने के प्रयास के तहत यह किया जा सकता है।
गहलोत ने बीजेपी पर राज्य में गंदी राजनीति करने और निचले स्तर पर जाकर सीबीआई और ईडी के माध्यम से दबाव बनाने का आरोप लगाया
गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य में गंदी राजनीति करने और निचले स्तर पर जाकर सीबीआई और ईडी के माध्यम से दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने पुराना वाकया सुनाते हुए कहा कि दिवंगत भैरोसिंह शेखावत के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में सरकार गिराने के दो बार प्रयास किये गये थे, लेकिन तब मैंने प्रदेशाध्यक्ष होते हुए इस मामले में नहीं पड़ने का फैसला लिया और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहराव एवं राज्यपाल बलिराम भगत को भी इस तरह के मामले में हमारे शामिल नहीं होने की जानकारी दी।