नई दिल्ली। राज्य में अपने पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के साथ 18 विधायकों के बागी होने के बाद सरकार बचाने के संकट से जूझ रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते हुए राजस्थान सरकार को अस्थिर करने के प्रयास आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों की खरीद फरोख्त के जरिए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है।
19 जुलाई को लिख गए इस पत्र में गहलोत ने लिखा- “मुझे नहीं पता कि किस हद तक आपको यह सब जानकारी में है अथवा आपको गुमराह किया जा रहा है। इतिहास ऐसे कृत्य में भागीदार बनने वालों लोगों को काफी माफ नहीं करेगा।” राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है, “मुझे पूरा विश्वास है कि अंतत: सच्चाई के साथ-साथ स्वस्थ परंपराओं एवं संवैधानिक मूल्यों की जीत होगी और हमारी सरकार सुशासन देते हुए अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
Rajasthan CM Ashok Gehlot writes a letter to PM Narendra Modi regarding 'despicable attempts to destabilize elected governments through horse-trading'. "I don't know to what extent you are aware of all this or you are being misled," he writes in the letter. pic.twitter.com/PSJlBYbnSZ
— ANI (@ANI) July 22, 2020
गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत बीजेपी नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि वे सभी कांग्रेस के बागी विधायकों के साथ इस कृत्य में शामिल हैं। गहलोत ने पत्र में आगे कहा, “कुछ समय से लोकतंत्रित तरीके से चुनी हुई सरकारों को गिराने का प्रयास किया जा रहा है। यह जनादेश और संवैधानिक मूल्यों का खुला उल्लंघन है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश इसका उदाहरण है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन पायलट पर बीजेपी के साथ मिलकर षडयंत्र कर मध्य प्रदेश की तर्ज पर सरकार गिराने का आरोप लगाया है, जहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होते हुए मार्च के महीने में कमलनाथ की सरकार गिरा दी थी।गहलोत ने लिखा, “ऐसे समय में जब हमारी प्राथमिकता लोगों के जीवन और उनकी आजीविका की रक्षा करना है, राज्य सरकार को गिराने में केन्द्र मुख्य साजिशकर्ता बन गया है।”
ऐसे समय में जब मामला कोर्ट में है और राजस्थान संकट पर कोर्ट का फैसला एक बड़ा गेम चेंजर हो सकता है, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से पत्र पीएम मोदी लिखा जाना एक प्रत्याशित कदम के तौर पर देखा जा रहा है।