उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में एशिया की सबसे लंबी रोपवे (Ropeway) सेवा पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई। रोपवे के टावर नंबर 1 पर जमीन धंसने की वजह से ये फैसला लिया गया। चमोली जिले के जोशीमठ में कुछ दिनों से जमीन धंसने और जमीन के नीचे से पानी रिसने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके चलते यहां कई इलाकों में लोगों के मकान जमीन के अंदर धंस रहे हैं। दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं। इसे लेकर लोग दहशत में हैं। इसे लेकर पिछले कई दिनों से जोशीमठ में लोग प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
जोशीमठ (Joshimath) में जमीन धंसने के विरोध में लोगों ने बंद बुलाया है। व्यापार सभा और टैक्सी यूनियन ने भी इस बंद का समर्थन किया है। लोग लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में चमोली देहरादून की तरफ जाने वाले मार्ग पर जाम लग गया। पर्यटकों की गाड़ियों भी इस जाम में फंस गईं।
घरों और दुकानों में पड़ी दरारें
जोशीमठ (Joshimath) को बद्रीनाथ का द्वार माना जाता है। यहां पिछले कुछ दिनों से जमीन धंस रही है। जोशीमठ में 9 वार्डों के 513 मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। घरों के अलावा दुकानों और होटलों की दीवारों में भी दरारें आ गई हैं। लोगों का कहना है कि यहां बनने वाली तपोवन विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना की टनल यानी सुरंग के कारण जोशीमठ में जमीन धंस रही है।
#WATCH | Land subsidence and cracks in many houses continue in Uttarakhand’s Joshimath. Cracks have appeared on 561 houses in Joshimath, and water seepage continues from underground in JP Colony, Marwadi. pic.twitter.com/vo7IxIh1Xl
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 5, 2023
मशाल जुलूस निकालकर लोगों ने किया प्रदर्शन
जोशीमठ सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने बुधवार रात मशाल जुलूस निकालकर NTPC जल विद्युत परियोजना का विरोध किया। लोगों का कहना है कि जमीन के नीचे से रिस रहे पानी का बहाव भी तेज हो गया है। जगह जगह से पानी निकल रहा है। घरों में बड़ी बड़ी दरारें पड़ रही हैं। जोशीमठ मारवाड़ी वार्ड में पानी के रिसाव से लोग दहशत में हैं। यहां जेपी कंपनी के 35 भवन खाली कर दिए गए हैं । यहां पानी का जलस्तर दोगुना हो गया है। छह से सात जगहों पर जमीन के अंदर से पानी निकलता हुआ दिखाई दे रहा है।
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उत्तराखंड के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने इस मामले में चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में जिस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं, उस पर जल्दी ही अगर संज्ञान नहीं लिया गया, तो एक बड़ी आपदा हो सकती है।
जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों बहुत तेजी से नुकसान में इजाफा हुआ है। इस पर त्वरित करवाई करने की जरूरत है। वहा के स्थानीय लोग भी लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं। यह इलाका समुद्र तल से करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिस्मिक जोन 5 में आता है। यानी प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी संवेदनशील है। यहां पिछले कुछ दिनों में भूधंसाव में काफी तेजी आई है।