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जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के गुप्त सुरंग का खुलेगा राज, ASI का सर्वे पूरा

Jagannath temple

Jagannath temple

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के रत्न भंडार का तकनीकी सर्वे रविवार को पूरा कर लिया। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढी ने बताया कि रत्न भंडार के अंदर कोई गुप्त कक्ष या सुरंग है या नहीं, इसका सर्वे निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है।

अरबिंद पाढी ने कहा कि रत्न भंडार के अंदर गुप्त सुरंग का पता लगाने के लिए तकनीकी सर्वेक्षण का दूसरा दौर 21 से 23 सितंबर के लिए निर्धारित किया गया था। लेकिन यह दो दिन में ही पूरा हो गया। उन्होंने बताया कि एसजेटीए ने रत्न भंडार के सर्वेक्षण के दौरान दोपहर एक बजे से शाम 6 बजे तक श्रद्धालुओं को भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से रोक दिया था।

उन्होंने कहा कि हालांकि, चूंकि एएसआई ने पहले ही सर्वे पूरा कर लिया है। इसलिए सोमवार को श्रद्धालुओं के प्रवेश पर कोई पाबंदी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सर्वे के निष्कर्षों को एएसआई रिपोर्ट से जाना जा सकता है। पाढी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि एएसआई जल्द ही सरकार के मूल्यांकन के लिए अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।’

रत्न भंडार के अंदर सभी आभूषणों की सूची बनेगी

एसजेटीए के मुख्य प्रशासक ने कहा कि एएसआई द्वारा संरक्षण कार्य पूरा होने के बाद रत्न भंडार के अंदर संग्रहित सभी कीमती वस्तुओं और आभूषणों की सूची बनाई जाएगी। तकनीकी दल में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई), हैदराबाद के विशेषज्ञ भी शामिल थे। रत्न भंडार सूची समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने सर्वे में भाग लेने के लिए मंदिर में प्रवेश किया।

उन्होंने कहा, ‘एएसआई से रिपोर्ट मिलने के बाद, हम भविष्य का कदम तय करेंगे।’ वहीं, एनजीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक आनंद कुमार पांडे ने मीडिया से कहा, ‘भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से, सर्वेक्षण दो दिनों में पूरा हो गया। हमने सभी मानचित्रण किए और विशाल डेटा तैयार किया। हम वापस जाने के बाद डेटा को संसाधित करेंगे और रिपोर्ट तैयार करेंगे। रिपोर्ट तैयार करने से पहले डेटा का सात चरणों में विश्लेषण किया जाएगा।’

रत्न भंडार का ‘लेजर स्कैनिंग’ की गई थी

सर्वेक्षण का पहला दौर 18 सितंबर को हुआ था। जब एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक जे शर्मा के नेतृत्व में 17 सदस्यीय तकनीकी टीम ने पाढी और जस्टिस रथ की उपस्थिति में रत्न भंडार का प्रारंभिक निरीक्षण और इसकी ‘लेजर स्कैनिंग’ की थी। एसजेटीए ने 18 सितंबर को, एएसआई को पत्र लिखकर दशहरा और कार्तिक महीने के दौरान भगवान जगन्नाथ के विशेष अनुष्ठानों के मद्देनजर 24 सितंबर तक तकनीकी सर्वेक्षण पूरा करने का अनुरोध किया था।

मंदिर में दुर्गा पूजा के अनुष्ठान 24 सितंबर को शुरू होंगे। एक अधिकारी ने कहा कि मंदिर प्रशासन ने रत्न भंडार के बाहरी और आंतरिक कक्षों से सभी कीमती सामान और आभूषणों को स्थानांतरित कर दिया है। उन्हें मंदिर परिसर के भीतर एक अस्थायी कक्ष में संग्रहित किया है। उन्होंने कहा कि सभी गतिविधियां राज्य सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार की जा रही हैं।

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