लखनऊ। योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) ने मंगलवार को 20 हजार से एक लाख जनसंख्या वाले सबसे पिछड़े 100 नगरीय निकायों में आकांक्षी नगर योजना (Aspirational City) को लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। योगी सरकार इस योजना के अंतर्गत 3सी दृष्टिकोण को अपनाते हुए कार्य करेगी। ये 3सी यानी कन्वर्जेंस (अभिसरण), कोलाबरेशन (सहयोग) और कंपटीशन (प्रतिस्पर्धा) के रूप में योजना को क्रियान्वित करेंगे। इसका उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों, नागरिक समाजिक संगठनों, कॉर्पोरेट घरानों द्वारा सीएसआर गतिविधियों और बहुपक्षीय और द्विपक्षीय विकास एजेंसियों के द्वारा जारी प्रयासों को एकजुट करते हुए निकायों का कायाकल्प करना है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य दिया है जिसमें शहर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि छोटे शहरों की क्षमता का भी उपयोग किया जाए जो ऐतिहासिक रूप से लंबे समय तक शहरी नियोजन से उपेक्षित रहे हैं। इसी क्रम में आकांक्षी नगर (Aspirational City) कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
आकांक्षी नगर कार्यक्रम ‘आकांक्षी’ से ‘प्रेरणादायक’ शहरों तक की यात्रा
इन नगरीय निकायों में वर्तमान में चल रही सरकारी योजनाओं के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार, सांसद व विधायक निधि समेत अन्य संस्थाओं से सहयोग प्राप्त कर कन्वर्जन के माध्यम से परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा। आकांक्षी नगर कार्यक्रम 2011 की जनगणना के अनुसार 20,000 और 1,00,000 की आबादी के बीच के शहरों की जरूरतों को पूरा करता है।
100 सबसे पिछड़े नगरीय निकायों में लागू होगी आकांक्षी नगर योजना
आकांक्षी नगर कार्यक्रम (Aspirational City) ‘आकांक्षी’ से ‘प्रेरणादायक’ शहरों तक की यात्रा होगी। इसका उद्देश्य छोटे शहरों को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के संकल्प को साकार करने में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करना है। आकांक्षात्मक से प्रेरणादायक तक की यात्रा नागरिकों को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया में शामिल प्रत्येक हितधारक के सहयोगात्मक प्रयासों से तय की जाएगी। खासकर इसके केंद्र में महिलाएं होंगी।
आत्मनिर्भर हो सकेंगे नगरीय निकाय
चयनित शहरों में परिवर्तनकारी प्रगति हासिल करने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में आकांक्षी नगर (Aspirational City) कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था। कार्यक्रम प्रत्येक शहर को अपने भविष्य की कल्पना करने, अपनी आर्थिक क्षमता को बढ़ाने और अपनी स्वयं की योजनाएं तैयार करके सतत विकास की ओर अग्रसर होने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। योजना के तहत केंद्र और राज्य प्रायोजित योजनाओं, सांसद और विधायक निधि और अन्य संस्थानों के प्रयासों से चल रहे कार्यक्रमों और परियोजनाओं को एकत्रित करके विकास परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
सीएम फेलो के रूप में नियुक्त होंगे 100 प्रोफेशनल्स
इन 100 आकांक्षी नगरीय निकायों में 100 प्रोफेशनल्स को भी मुख्यमंत्री फेलो के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ये प्रोफेशनल्स स्थानीय नगरीय निकायों के साथ साक्ष्य आधारित रणनीतिक योजना विकास के लिए गहन अनुसंधान और डेटा कलेक्शन का कार्य करेंगे। ये फेलो योजना के पथप्रदर्शक होंगे और आगे बढ़कर कार्यान्वयन का नेतृत्व करेंगे। राज्य स्तर पर योजना का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए लगातार निगरानी एवं पर्यवेक्षण किया जाएगा।
उत्कृष्ट आकांक्षा वाले शहरों को उनके बीच स्वस्थ सहयोग और प्रतिस्पर्धा के लिए कई प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन दिए जाएंगे और प्रत्येक शहर को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बेंचमार्क भी प्रदान किया जाएगा। योजना बुनियादी शहरी शासन और बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक आर्थिक विकास के क्षेत्रों में लक्षित फोकस के माध्यम से उत्तर प्रदेश के शहरी नागरिकों को सीधे लाभ प्रदान करेगी और उत्तर प्रदेश की महिला उद्यमियों पर विशेष ध्यान देने के साथ आर्थिक अवसर पैदा करेगी।