उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने का प्रयास सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।
श्री योगी ने शुक्रवार को मोहनलालगंज में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की जयन्ती सुशासन दिवस को किसान सम्मान दिवस के रूप में मनाया जाना सर्वाधिक उपयुक्त है, क्योंकि आजादी के बाद किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने का प्रयास सबसे पहले श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा वर्ष 1998 में प्रारम्भ किया गया।
गरीब, किसान, नौजवान और महिलाओं के लिए अगर किसी ने आर्थिक स्वावलंबन की शुरुआत की थी, तो वह शुरुआत अटल जी ने की थी। आज प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने उसे एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का कार्य किया है: #UPCM श्री @myogiadityanath जी#PMKisan pic.twitter.com/2KaQG2JTuf
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 25, 2020
उन्होने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य प्रारम्भ किया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से किसानों को अपनी उपज मण्डी तक ले जाने के लिये मार्ग सुलभ हुआ। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हाईवे, हर गरीब के हाथ में मोबाइल फोन भी श्री वाजपेयी की देन है। उनके द्वारा देश की अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का जो कार्य शुरू किया गया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उसे आगे बढ़ाया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसान, मजदूर, महिला, नौजवान आदि सभी के प्रति आत्मीयता के भाव से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के सर्वांगीण विकास, किसानों की खुशहाली, नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य और मातृ शक्ति के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए जो कार्यक्रम 06 वर्ष पहले प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारम्भ किया गया था, आज का कार्यक्रम उसी श्रृंखला की कड़ी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा देश के 09 करोड़ किसानों के खाते में अंतरित की जा रही 18 हजार करोड़ रुपए की धनराशि से प्रदेश के 2.13 करोड़ किसान लगभग 4,300 करोड़ रुपए की धनराशि से लाभान्वित होंगे।
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श्री योगी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने किसानों को बीज, खाद, बिजली, सिंचाई सुविधाएं सुलभ करायी हैं। वर्तमान सरकार द्वारा किसानों की उपज की बड़ी मात्रा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करते हुए कृषि लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया। केन्द्र सरकार द्वारा 34 जिन्स का समर्थन मूल्य घोषित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों के हित और कल्याण को प्राथमिकता देते हुए प्रभावी कदम उठाए। सबसे पहले 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपए के ऋण माफी का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दशकों से लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूर्ण करने का कार्य किया। वर्ष 1977 से लम्बित बाण सागर परियोजना एक वर्ष में पूर्ण कर प्रधानमंत्री जी द्वारा राष्ट्र को समर्पित करायी गयी। अर्जुन सहायक, सरयू नहर, मध्य गंगा नहर जैसी परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। मार्च, 2021 तक 20 लाख हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो जाएगी।
उन्होने कहा “ वर्ष 2017 में हमारी सरकार के सत्ता में आने पर 06 साल से भी अधिक गन्ना मूल्य का बकाया था। पूर्ववर्ती सरकारों ने चीनी मिलों को बेचने का कार्य किया। वर्तमान राज्य सरकार ने रमाला चीनी मिल, बागपत के नवीनीकरण का कार्य किया। अब यहां प्रतिदिन 50 हजार कुन्तल गन्ने की पेराई होती है। मौजूदा सरकार द्वारा अपने कार्यकाल में 01 लाख 12 हजार करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा परीक्षण आदि योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन से किसानों के जीवन में खुशहाली आयी है।”