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सफेदपॉश से अंडरवर्ल्ड तक सबको था अतीक के खुलासे का डर, कबूले थे 14 नाम

Atiq Ahmed, Ashraf

Atiq Ahmed and Ashraf

प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf)  की प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में हुई हत्या ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। सबके जेहन में पहला सवाल यही है कि आखिर इन दोनों की हत्या का मकसद क्या है?

दरअसल, उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक की जरायम की दुनिया को लेकर रोज हो रहे खुलासे आतंकी संगठनों से लेकर अंडरवर्ल्ड और राजनेताओं तक के लिए मुसीबत बनते जा रहे थे। वहीं अतीक के संरक्षण में चंद सालों में अरबपति बने कुछ कारोबारी भी इन खुलासों से परेशान थे।

अतीक और अशरफ की मौत (Atiq-Ashraf Murder) के साथ ही उनके आतंकी संगठनों, आईएसआई और तमाम कुख्यात अपराधियों के बारे में होने वाले खुलासों पर भी विराम लग गया है। इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देने वाले शूटरों ने पुलिस के सामने आसानी से आत्मसमर्पण कर दिया। प्रयागराज पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder) के बाद बीते डेढ़ माह के घटनाक्रम पर गौर करें तो अतीक गैंग के रिश्ते आईएसआई, लश्कर ए तैयबा, अंडरवर्ल्ड और पंजाब के असलहा तस्करों तक से सामने आ चुके हैं। अतीक गैंग पर पुलिस की सख्ती दिल्ली से लेकर प्रयागराज तक कई सफेदपोश लोगों को नागवार गुजर रही थी।

पूरे प्रदेश को झकझोर देने वाली इस वारदात को किसके कहने पर अंजाम दिया गया, इसे लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। प्रयागराज पुलिस ने जिन शूटरों को पकड़ा है, उनसे हुई पूछताछ के बारे में भी अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

लखनऊ के हुसैनाबाद में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला। प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त कर रही है। प्रदेश के सभी ज़िलों में धारा-144 लागू की गई है।

माफिया अतीक अहमद छह साल से सलाखों के पीछे रहने के बावजूद अपना साम्राज्य यूं ही नहीं चला रहा था। उसके कई ऐसे मददगार हैं, जो उसके लिए पैसे जुटाते थे। उसके एक इशारे पर पत्नी शाइस्ता परवीन को बताई गई रकम पहुंचा देते थे। बदले में अतीक अपने गुर्गों के जरिये उनकी मदद करता था। फिलहाल उसने ऐसे 14 नाम बताए हैं। माना जा रहा है कि इन पर भी पुलिस शिकंजा कसेगी।

यह खुलासा खुद अतीक ने कस्टडी रिमांड के तीसरे दिन धूमनगंज पुलिस के सामने किया। शुक्रवार देर रात करीब दो घंटे तक अतीक व अशरफ से पूछताछ करने के बाद शनिवार को भी उनसे सवाल पूछने का सिलसिला जारी रहा। सूत्राें का कहना है कि तीसरे दिन अतीक व अशरफ से पूछताछ में पुलिस का जोर इस बात की जानकारी जुटाने पर रहा कि जेल में रहने के बावजूद आखिर दोनों कैसे अपना साम्राज्य चलाते रहे। इस दौरान पूछताछ में यह बात सामने आई कि यह खेल उन मददगारों के जरिये किया जाता रहा, जो माफिया भाइयों के लिए फंडिंग करते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, अतीक ने पूछताछ में ऐसे 14 नाम बताए हैं। बताया है कि उसके एक इशारे पर यह लोग बताई गई रकम उसकी पत्नी शाइस्ता के पास पहुंचा देेते हैं। बदले में यह उनको संरक्षण प्रदान करता है। किसी भी तरह की अड़चन आने पर जेल से ही अपने गुर्गों के जरिये उनको हर तरह की मदद करता है। इस सूची में ज्यादातर बिल्डर या प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा करने वाले हैं, ऐसे में उनके प्रोजेक्ट के लिए जमीनों को औने-पौने दामों पर दिलवाने में भी उनकी मदद करता है।

ज्यादातर प्रॉपर्टी के धंधे में

सूत्रों के मुताबिक अतीक ने जो 14 नाम बताए हैं, उनमें से 11 नाम ऐसे हैं जो मौजूदा समय में प्रॉपर्टी के धंधे में लगे हुए हैं। इनमें कालिंदीपुरम, चकिया, मरियाडीह, बम्हरौली के अलावा असरौली, कौशाम्बी के महगांव और बेली के रहने वाले कुछ प्रॉपर्टी डीलर शामिल हैं। यह किसानाें की जमीन को औने-पौने दामों में एग्रीमेंट करा लेते हैं। इसके बाद इन्हीं जमीनों को प्लाटिंग कर ऊंचे दामों पर बेचकर तगड़ा मुनाफा कमाते हैं।

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