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जान की हिफाजत में माफिया अतीक ने मीडिया को कहा था ‘शुक्रिया’

Atiq Ahmed

Atiq Ahmed

प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) जिस मीडिया को ढाल समझ अपनी जान की हिफाजत में शुक्रिया अदा करता था। उसी कवच के भेष में आए बदमाशों ने गैंगस्टर भाइयों की जान ले ली। हत्याकांड में बाद हमलावरों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अतीक-अशरफ हत्याकांड में शाहगंज थाना पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज कर ली है। बदमाशों ने पूछ-ताछ में कबूल किया है कि उनका मकसद अतीक अशरफ की हत्या कर पापुलर बनना था। पुलिस की छानबीन में बदमाशों के अपराधिक इतिहास सामने आए हैं। फिलहाल पुलिस की तहक़ीक़ात लगातार जारी है।

उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात शाहगंज थाना थाना क्षेत्र के काल्विन अस्पताल परिसर में मीडिया के सवालों का जवाब देते समय माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद (Atiq Ahmed)  व अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

इस वारदात को अंजाम देने बदमाश लवलेश तिवारी पुत्र यज्ञ कुमार तिवारी निवासी केवतरा क्रासिंग बांदा, मोहित उर्फ शनि पुराने पुत्र स्व. जगत सिंह निवासी कुरारा थाना कुरारा हमीरपुर, एवं अरुण कुमार मौर्या पुत्र दीपक मौर्या निवासी कातरवाही सोरो कासगंज मीडिया की वेशभूषा में आए। उनके हाथ में कैमरा माइक था। माफिया ब्रदर के पास नजदीक आते ही बदमाशों ने सबसे पहले अतीक की कनपटी में सटाकर गोली मार दी। इसके बाद ताबड़तोड़ गोलिया चली और अतीक और उसका भाई अशरफ जमीन पर गिरकर ढेर हो गए।

वारदात के बाद मची अफरा-तफ़री के बीच पुलिस कर्मियों ने फुर्ती दिखाते हुये हमलावरों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से विदेशी ‘जिगना’ पिस्टल बरामद हुई। बताया जा रहा है कि इस सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल में 30 राउंड की मैगजीन लोड होती है।

शाहगंज पुलिस ने काल्विन शूटआउट मामले में इंस्पेक्टर धूमनगंज राजेश कुमार मौर्या के तहरीर पर अतीक अशरफ की हत्या का मुक़द्दमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने दर्ज रिपोर्ट में बदमाशों के बयान का जिक्र करते हुये लिखा है कि वह माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का खत्म का प्रसिद्धि हासिल करना चाहते थे। जिसके कारण उन्होंने दोनों की हत्या की वारदात को अंजाम दिया।

गौरतलब है कि अतीक अहमद (Atiq Ahmed)  ने साबरमती जेल से लाये जाने के दौरान अपने जीवित होने का कारण मीडिया को बताकर उनका शुक्रिया अदा किया था। उनके लिए मीडिया के वेश में ही माफिया के करीब जाना आसान था। वह यह नहीं भांप सके की पुलिस के सुरक्षा घेरे को कैसे तोड़कर निकला जाना है। इसी कारण वह पकड़ में आ गए।

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