लखनऊ। माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed ) और उसके परिवार पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। उमेश पाल अपहरण केस में उम्रकैद की सजा काट रहे अतीक और उसके बेटे उमर पर व्यापारी मोहित जायसवाल का अपहरण करके पिटाई करने और संपत्ति लिखाने के मामले में आरोप तय हो गए हैं। इस सुनवाई के दौरान अतीक अहमद, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ा था।
लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में अतीक अहमद (Atiq Ahmed ) और उसके बेटे उमर अहमद पर सीबीआई की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर आरोप तय किए गए। अभी सजा का ऐलान नहीं किया गया है। अतीक आज साबरमती जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ा था, जबकि अतीक अहमद के बेटे उमर को लखनऊ जेल से सीबीआई कोर्ट लाया गया।
मिल सकती है उम्रकैद से फांसी तक की सजा
सीबीआई कोर्ट में जिन धाराओं में अतीक अहमद और उसके बेटे उमर पर चार्ज फ्रेम हुआ, उसमें आईपीसी की धारा 364 A भी शामिल है। रंगदारी वसूली के लिए अपहरण की इस धारा में उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है। उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद को इसी धारा के तहत 28 मार्च को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
क्या है मनीष जायसवाल अपहरण केस?
2018 में अतीक अहमद (Atiq Ahmed ) देवरिया जेल में बंद था। इसी दौरान अतीक अहमद और उनके बेटे उमर पर लखनऊ के कारोबारी मोहित जायसवाल को अगवा करने का आरोप लगा। एफआईआर के मुताबिक, 26 दिसंबर, 2018 को बिल्डर मोहित को सरेआम अगवा कर लिया था। मोहित को उसी गाड़ी से देवरिया जेल ले जाया गया था। आरोप है कि अतीक अहमद ने मोहित की बंधवाकर पिटाई करवाई। साथ ही उनकी दो कंपनियों को जबरन अपने गुर्गों के नाम करवा लिया।
जेल से बाहर निकलने में डर रहा अशरफ, पेशी से पहले बिगड़ी तबीयत
इस मामले के सामने आने के बाद अतीक अहमद को देवरिया जेल से बरेली जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद चुनावों को देखते हुए अतीक को नैनी जेल भेज दिया गया था। उसके सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी का अपहरण करवाने के आरोपी अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही कारोबारी मनीष जायसवाल के अपहरण केस की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी गई थी।
दो लाख का इनाम घोषित होने पर उमर ने किया था सरेंडर
लखनऊ के व्यापारी मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में पिटाई के मामले में अतीक अहमद (Atiq Ahmed ) के बड़े बेटे उमर की तलाश में लखनऊ पुलिस, यूपी एसटीएफ और बाद में सीबीआई तक खाक छानती रही। उमर पर दो लाख का इनाम घोषित किया गया, लेकिन उमर अहमद को कोई नहीं पकड़ पाया और 23 अगस्त 2022 को उसने अपने मनमाफिक ढंग और वक्त पर लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया।