उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर धर्मतांतरण करने के दो आरोपितो में से एक मौलाना मोहम्मद उमर गौतम की रिमांड मिलने से बाद अब उत्तर प्रदेश एटीएस ने शिकंजा कस दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के भी इस प्रकरण की लगातार मॉनिटरिंग करने के कारण ही जांच एजेंसियां भर लगातार बड़े अभियान में लगी हैं।
मौलाना उमर गौतम ने लखनऊ में अपना बड़ा नेटवर्क बना लिया था। एक शिक्षण संस्थान में तो वह वाइस चेयरमैन था जबकि मैंगों बेल्ट में उसकी में गरीब लोगों को धर्मातांतरण के लिए प्रेरित करने का काम चलता था। उत्तर प्रदेश एटीएस ने गुरुवार को अल हसन इंस्टीट्यूट, मलिहाबाद में छापा मारा है।
काकोरी क्षेत्र के रहमान खेड़ा में अल हसन इंस्टीट्यूट, मलिहाबाद में एटीएस की टीम के सदस्य यहां पर धर्मातांतरण तथा अन्य मामलों की जांच में लगे हैं। अब माना जा रहा है कि यहां पर एजेंसी को टेरर एंगल भी मिला है। एटीएस ने मौलाना मोहम्मद उमर गौतम के साथ उसके साथी जहांगीर की हर हरकत पर बारीक नजर रखी है। धर्मातांतरण का बड़ा मामला सामने आने के बाद से ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर पहलू की सख्त जांच कर अन्य सभी सभी दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश भी दिया है।
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उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते सोमवार को लखनऊ से मोहम्मद उमर गौतम पुत्र स्वर्गीय धनराज सिंह गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को हजार से अधिक लोगों के धर्मातांतरण के मामले में गिरफ्तार किया था। उत्तर प्रदेश एटीएस को मंगलवार को इनकी सात दिन की रिमांड मिली है।
अब जांच एजेंसी इनके बड़े राज उगलवाने के प्रयास में लगी है। उधर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने के साथ ही इनकी संपत्ति भी जब्त करने का निर्देश दे दिया है।