बेंगलुरु। शहर के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस (Atul Subhash Suicide Case) में गिरफ्तार उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को सिटी सिविल कोर्ट ने जमानत दे दी है। इन तीनों में निकिता को पुलिस ने गुरुग्राम और उसके मां-भाई को प्रयागराज से गिरफ्तार किया था। निकिता और उसके परिवार पर अतुल को प्रताड़ित करने का आरोप लगा है। इस मामले में अपनी मौत से पहले अतुल (Atul Subhash) ने एक लंबा सुसाइड नोट लिखा और वीडिया बनाया था।
बेंगलुरु कोर्ट के आदेश के बाद निकिता, निशा और अनुराग सिंघानिया को न्यायिक हिरासत में भेज गया था। इसके बाद इन्होंने अपने वकील के जरिए कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।
बेंगलुरु पुलिस ने इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है। इसमें बीएनएस की धारा 3(5) कहती है कि जब कई सारे व्यक्ति मिलकर एक ही इरादे से कोई अपराध करते हैं तो सबकी जिम्मेदारी बराबर की होती है।
अतुल सुभाष के सुसाइड केस में बड़ी कार्रवाई, पत्नी, सास और साले को पुलिस ने किया अरेस्ट
वहीं, धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने पर लगाई गई है। यदि कोई व्यक्ति किसी को आत्महत्या के लिए उकसाने पर दोषी पाया जाता है, तो उसे 10 साल की जेल की सजा हो सकती है। लेकिन इसमें एक पेंच है। पिछले साल 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के एक फैसले को पटलते हुए कहा था कि किसी को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता जब तक कि ये साबित ना हो जाए कि वो डायरेक्ट मौत से जुड़ा है।