मुंबई। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी की ओर से मुगल बादशाह औरंगजेब को महान बताए जाने के बाद से सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा है कि हम सभी लोगों को लगता है कि छत्रपति संभाजी नगर (पूर्व में औरंगाबाद) से मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को ढहा दिया जाए। हालांकि ऐसा करना केवल कानून का पालन करने के बाद ही संभव है।
अब औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) सहित कांग्रेस, शिवसेना एमएनएस सभी ने एक सुर में इसका समर्थन किया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की इच्छा हमारी भी है, लेकिन यह संरक्षित स्थल है। कांग्रेस सरकार के समय इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से संरक्षण मिला था। वहीं कांग्रेस ने इसका जवाब देते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हर बार कांग्रेस पर आरोप लगाना सही नहीं है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार को स्वयं निर्णय लेना चाहिए।
अफजल की कब्र से अतिक्रमण हटाया था
बीजेपी नेता सुधीर मुंगंटीवार ने कहा, मैंने अफजल की कब्र से अतिक्रमण हटाया था, तो मेरा इस मुद्दे पर विचार अलग कैसे हो सकता है ? महाविकास अघाड़ी सरकार कब्र बनाए रखना चाहती थी, जबकि हमारी सरकार इसे हटाने के पक्ष में है। औरंगजेब जैसे आक्रमणकारी का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। वह रावण के बाद सबसे बड़ा दुष्ट था।शिवसेना नेता शंभूराजे देसाई ने कहा कि हमारी सरकार औरंगजेब की कब्र को हटाने के पक्ष में है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री केंद्र सरकार से बातचीत करेंगे।
किसी को गलत लगने जैसी कोइ बात ही नहीं : शिवेंद्रराजे भोसले
शिवेंद्रराजे भोसले ने इस मुद्दे पर स्पष्ट किया,औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र में नहीं रहनी चाहिए। इसमें किसी को गलत लगने जैसी कोई बात नहीं है। इसके साथ ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता बाला नांदगांवकर ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, शिवाजी महाराज को तकलीफ देने वाले और संभाजी महाराज की हत्या करने वाले औरंगजेब की कब्र की कोई जरूरत नहीं है। इसे जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए।
अबू आजमी के बयान के बाद शुरू हुआ विवाद :
अबू आजमी ने औरंगजेब का बचाव करते हुए बयान दिया था कि मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता। इन दिनों फिल्मों के माध्यम से मुगल बादशाह की विकृत छवि बनाई जा रही है।
हालांकि इस बयान के बाद से सियासत गर्माने पर अबू आजमी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैं शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ बोलने के बारे में सोच भी नहीं सकता। अबू आजमी ने कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगजेब के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है।
औरंगजेब को महान बताने पर चौतरफा घिरे अबू आज़मी, वापस लिया बयान
उन्होंने कहा कि मैं इतना बड़ा नहीं हूं। मैं जो कुछ कहा था, वह असल में किन्हीं इतिहासकारों का व्यक्तव्य था। अगर मेरे इन बयानों की वजह से कोई आहत हुआ तो मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं और अपने बयान को वापस लेता हूं। औरंगजेब पर बयानबाजी को लेकर महाराष्ट्र के ठाणे में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।