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आज सोमवती अमावस्या पर बना शुभ संयोग, इन उपायों से कालसर्प दोष होगा दूर

Somvati Amavasya

Somvati Amavasya

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. इस बार साल की पहली सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) 20 फरवरी को मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान, दान, जाप और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है. यह तिथि पितरों के लिए विशेष तिथि मानी गई है. इस तिथि पर पितरों को दर्पण और पिंडदान करने का विशेष महत्व होता है. जब सोमवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. ऐसे में सोमवती अमावस्या पर व्रत रखने और शिवजी की उपासना करने का विशेष महत्व होता है.

इस तिथि पर कई तरह के ज्योतिषीय उपाय किए जाते हैं जिसे व्यक्ति की कुंडली में मौजूद कालसर्प और पितृदोष खत्म हो जाते है. जिस कारण से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि और सपन्नता आती है.

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) का महत्व

सोमवती अमावस्या वर्ष में लगभग 1 से 2 बार आती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान पुण्य आदि करने का विशेष महत्व होता है. सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ पीपल के वृक्ष की भी पूजा करने का विशेष महत्व होता है. इस तिथि पर पीपल के पेड़ की पूजा करते हुए जल देना और इसके नीचे दीपक जलाने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती है. सोमवती अमावस्या तिथि पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के लिए दिनभर व्रत रखते हुए पीपल के पेड़ की परिक्रमा का महत्व होता है.

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) तिथि और शुभ मुहुर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक पक्ष मे एक पूर्णिमा तिथि आती और एक अमावस्या तिथि. कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या तिथि कहते हैं. फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि 20 फरवरी 2023 को है. सोमवार के दिन यह अमावस्या तिथि पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवती अमावस्या तिथि 19 फरवरी, 2023 की शाम 04 बजकर 21 मिनट से शुरू हो जाएगी जो 20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर खत्म हो जाएगी.

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) पर विशेष संयोग

इस वर्ष महाशिवरात्रि के फौरन बाद सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग बना है. फाल्गुन माह की यह अमावस्या सोमवार और शिव योग के संयोग बहुत ही फलदायी रहने वाली है. इस दिन भगवान शिव की उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामनाएं जरूर पूरी होंगी.

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) पर करें ये उपाय

– जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष हो वे सोमवती अमावस्या तिथि पर पीपल के पेड़ को जल और दूध चढ़ाएं. पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए वृक्ष की परिक्रमा करें.

– जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उनके लिए सोमवती अमावस्या पर किया जाने वाला उपाय बहुत ही कारगर होता है. इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें और शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें. फिर किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करते हुए चांदी के बने नाग-नागिन के जोड़ों की पूजा करके गंगा नदी में प्रभावित कर दें. इस उपाय से जल्द ही कुंडली से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाएगी.

– धन संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए अमावस्या तिथि पर तुलसी के पौधे को पूजा करना और घी का दीपक जलाएं. इस उपाय से जीवन से परेशानियां दूर होंगी और घर में धन समृद्धि आएगी.

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