अक्षय नवमी (Akshaya Navami) हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस हिसाब से इस साल अक्षय नवमी 21 नवंबर को है। इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि अक्षय नवमी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में खुशहाली आती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक, अक्षय नवमी पर हर्षल योग बन रहा है। इस योग में लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से अनंत फल मिलता है।
अक्षय नवमी (Akshaya Navami) शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 21 नवंबर को सुबह 3 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन यानी 22 नवंबर को रात 01:09 बजे समाप्त होगी।
हर्षल योग
अक्षय नवमी (Akshaya Navami) पर हर्षल योग बन रहा है। यह योग शाम 5.41 बजे से बन रहा है। अक्षय नवमी के दिन केवल शाम के समय ही पूजा की जाती है। इसलिए हर्षल योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार हर्षल योग में पूजा करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है।
करण
अक्षय नवमी पर बालव और कौलव करण बन रहा है। दोनों ही शुभ योग माने गए हैं। दोनों योगों में भगवान विष्णु की पूजा करना काफी शुभ होता है।
पंचांग शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5.01 बजे से सुबह 5.55 बजे तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 1.53 बजे से दोपहर 2.35 बजे तक।
गोधूलि बेला: शाम 5.25 बजे से शाम 5.52 बजे तक।
निशिता मुहूर्त- रात 11.40 बजे से रात 12.34 बजे तक।