खरमास की समाप्ति के बाद एक फिर से शहनाइयां गूंजेगी। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व के बाद जनवरी में विवाह (Marriage) के कई शुभ मुहूर्त है। इन शुभ मुहूर्तों में विवाह कार्यक्रमों के आयोजन होंगे। मकर संक्रांति पर्व को लेकर घरों और बाजारों में तैयारियां चल रही है। मान्यता अनुसार मकर संक्रांति पर तिल व तिल से बनी वस्तुओ के दान का विशेष महत्व है। 14 जनवरी को सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। खरमास अर्थात मलमास में एक महीने से निषेध चल रहे शादी-विवाह और मांगलिक कार्यक्रम फिर प्रारंभ होंगे। घरों में शहनाइयां गूंजेगी।
खरमास की समाप्ति 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व के साथ होगी। इस दिन मान्यता अनुसार पूजा-अर्चना, हवन और दान-पुण्य आदि धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन होंगे। मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। तिल, गुड, खिचड़ी धान के दान -पुण्य की विशेष मान्यता है। पद्म पुराण के अनुसार मकर संक्रांति के दिन दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक पांडेय के अनुसार इस बार मकर संक्रांति व्याघ्र (बाघ) पर सवार होकर आएगी। संक्रांति का उपवाहन अश्व (घोड़ा) रहेगा। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश सूर्य 12 स्वरूप धारण कर 12 महीनों में 12 राशियों में संक्रमण करते रहते है। उनके संक्रमण से संक्रांति होती है। अर्थात सूर्य के संक्रमण को संक्रांति कहते है।
ज्योतिषाचार्य पंडित श्री पांडेय के अनुसार जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते है, उसे मकर संक्रांति कहते है। ग्रहों के राजा सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते है तब मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है। यह सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है। इस दिन भगवान सूर्य की आराधना का विशेष महत्व है।
जनवरी में विवाह (Marriage) के कई शुभ मुहूर्त है। इन शुभ मुहूर्तों में वर-वधु परिणय सूत्र में बंधेंगे। जनवरी माह में 16,18,21,22 और 23 जनवरी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है।
वहीं फरवरी में 2,6,7,8,13,14,18,20,21, व 25 तारीख विवाह (Marriage) के लिए शुभ मुहूर्त है। बसंत पंचमी के अबूझ मुहूर्त पर बड़ी संख्या में शादियां होगी।