नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने कोरोना वायरस की दो वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इनमें भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन भी शामिल है। जिसे हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने विकसित किया है। सरकार ने पर्यटकों के वैक्सीनेशन स्टेटस में वैक्सीन को मान्यता दी है। यानी अब कोवैक्सीन लगवाने वाले भारतीय यात्री बिना रोकटोक ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर सकेंगे। इस बात की जानकारी भारत में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ’ फैरेल ने दी है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोवैक्सीन को हरी झंडी अभी तक नहीं मिली है.
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वहीं ऑस्ट्रेलियाई सरकार के स्वास्थ्य विभाग थैरेप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (TGA) ने सोमवार को भारत की कोवैक्सीन और चीन की सिनोफार्म कंपनी की BBIBP-CorV वैक्सीन को मान्यता देने का फैसला लिया है। इस नए फैसले के बाद ऐसा माना जाएगा कि जिन लोगों को कोवैक्सीन लगाई गई है, उनका टीकाकरण पूरा हो गया है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने कोवैक्सीन लगवाने वाले 12 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दी है। विभाग का कहना है कि टीजीए ने हाल ही में वैक्सीन से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी हासिल की है। वहीं BBIBP-CorV कोविड वैक्सीन लगवाने वाले 18 से 60 साल के लोगों को प्रवेश की अनुमति दी गई है।
WHO से वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए नहीं मिली मंजूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि, भारत में निर्मित ‘कोवैक्सीन’ को इमरजेंसी इस्तेमाल करने की लिस्ट में शामिल करने के लिए अंतिम ‘लाभ-जोखिम मूल्यांकन’ करने के वास्ते भारत बायोटेक से मांगा गया ‘अतिरिक्त स्पष्टीकरण’ इस हफ्ते के अंत तक मिल सकता है। WHO ने कहा कि स्पष्टीकरण मिलने के बाद अंतिम मूल्यांकन के लिए तीन नवंबर को बैठक की जाएगी।
WHO ने कहा, ‘आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल करने के बारे में संगठन का तकनीकी सलाहकार समूह, एक स्वतंत्र सलाहकार समूह है जोकि WHO को इसकी सिफारिश करता है कि किसी कोविड-19 रोधी टीके को ईयूएल प्रक्रिया के तहत आपातकालीन इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है या नहीं। तकनीकी सलाहकार समूह ने भारत के स्वदेशी टीके को आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल करने के लिए कोवैक्सीन के आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए बैठक की।