नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद अब धीरे-धीरे काफी बदल रहा है। अब नई परिभाषा गढ़ रहा है। कश्मीर ने देश को सबसे कम उम्र की महिला पायलट दिया है। इस युवा पायलट का नाम आयशा अजीज है। जम्मू-कश्मीर की रहने वाली आयशा अजीज हाल ही में देश की सबसे कम उम्र की महिला पायलट बन देश में इतिहास रचा है।
आयशा अजीज की उम्र महज 25 साल है और आज वह कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हैं। खासकर कश्मीरी महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का प्रतीक बनीं हैं।
Meet India's youngest female pilot – 25-year-old Ayesha Aziz from Kashmir
Read @ANI Story | https://t.co/k70acL4BC8 pic.twitter.com/vtx1RkzipH
— ANI Digital (@ani_digital) February 3, 2021
बता दें कि आयशा अजीज ने साल 2011 में महज 15 साल की उम्र में ही पायलट का लाइसेंस पाने में कामयाबी हासिल की थी। फिर बाद में वह सबसे कम उम्र की स्टूडेंट पायलट बन गईं हैं। उसके अगले साल रूस के सोकोल एयरबेस में मिग-29(MIG-29) जेट उड़ाने के लिए उन्होंने ट्रेनिंग ली। इसके बाद आयशा ने बॉम्बे फ्लाइंग क्लब (BFC) से विमानन में स्नातक किया और 2017 में एक कमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया।
म्यांमार में तख्तापलट पर राहुल गांधी बोले-आखिर तानाशाहों का नाम क्यूं ‘एम’ से शुरू होता है?
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कश्मीर की आयशा अजीज ने कहा कि उनका मानना है कि कश्मीरी महिलाओं ने पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगति की है। शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण रूप से अच्छा किया है। उन्होंने बताया कि मुझे हवाई यात्रा करना और लोगों से मिलना अच्छा लगता है। इसकी वजह से मैंने पायलट बनने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि पायलट बनने के लिए आपका मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है।
आयशा अजीज ने कहा कि मुझे लगता है कि कश्मीरी महिलाएं बहुत अच्छा कर रही हैं, विशेष रूप से शिक्षा में। कश्मीर की हर दूसरी महिला अपने परास्नातक या डॉक्टरेट कर रही है। घाटी के लोग बहुत अच्छा कर रहे हैं। 25 वर्षीय आयशा अजीज ने कहा नौकरी और एक गतिशील काम के माहौल के लिए विषम परिस्थितियों के बावजूद वह जिंदगी में चुनौतियों का खुशी से सामना करने के लिए हमेशा से तैयार थीं।
आयशा को सिंगल इंजन का सेना 152 और 172 एयरक्राफ्ट उड़ाने का अनुभव है। उन्हें 200 घंटे की उड़ान पूरा होने के बाद कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस दिया गया है। आयशा, भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को अपना आदर्श मानती हैं। आयशा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।