अयोध्या जनपद में एक किसान 30 साल से अपने गन्ने के भुगतान के लिए दौड़ रहा है। परेशान होकर किसान ने अपने ही खेत में धरने के बाद अब भूख हड़ताल शुरू कर दी है। मामला तहसील बीकापुर के पातूपुर गांव का है।
किसान रामतेज वर्मा के अनुसार उसके पिता त्रिवेणी वर्मा ने 1990-91 में 4 ट्राली गन्ना केएम शुगर मिल को बेचा था। जिसकी कीमत लगभग उस समय 10 हज़ार रुपये थी। लेकिन समिति व मिल ने उसका भुगतान नहीं किया। वहीं मामले को संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी अनुज झा ने जिला गन्ना अधिकारी अखिलेश सिंह से रिपोर्ट मांग ली। गन्ना विभाग ने किसान रामतेज को ही दोषी माना है।
जिला गन्ना अधिकारी ने डीएम अनुज झा को रिपोर्ट दी कि 1990-91 में फर्जी पर्ची छपवा कर व समिति की फर्जी मुहर लगा कर गन्ने की तौल करवाई थी। किसान रामतेज वर्मा के पिता त्रिवेणी वर्मा के खिलाफ थाना पूराकलन्दर में तहरीर देते हुए समिति ने गन्ना भुगतान पर रोक भी लगाई थी।
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किसान रामतेज ने लघु वाद न्यायालय में मुकदमा दायर किया था। जिसमे न्यायालय ने याचिका खारिज कर दिया था। उपभोक्ता फोरम में भी परिवाद निरस्त हो गया था।
लखनऊ उच्च न्यायालय में भी किसान की याचिका खारिज हो गयी थी। मामले को संज्ञान में लेकर गन्ना आयुक्त ने उप गन्ना आयुक्त को मामले के निपटारे के लिए आर्बिट्रेटर नियुक्त किया था। आर्बिट्रेटर ने गुण दोष के आधार पर भुगतान न करने का आदेश दिया था। पीड़ित किसान रामतेज वर्मा को ही दोषी करार दिया गया था। फिलहाल बीकापुर तहसील के पातूपुर गांव में किसान का धरना व भूख हड़ताल चल रहा है। अब देखना यह है कि उसका धरना व भूख हड़ताल समाप्त करवाने के लिए जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है।