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अयोध्या के साधु-संतों ने किया कंगना का समर्थन,बोले – ठाकरे आए तो करेंगे विरोध

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अयोध्या के साधु-संतों ने किया कंगना का समर्थन

अयोध्या। सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर शिवसेना को कटघरे में खड़ा करने वाली कंगना रनौत के बयानों के बाद जिस तरह उनका ऑफिस तोड़ा गया और आगे कार्रवाई की बात की जा रही है, उसको लेकर अयोध्या के साधु-संतों में खासा आक्रोश है। बात यहीं तक नहीं है बल्कि अयोध्या के संतो के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद ने भी ऐलान कर दिया है कि अगर उद्धव ठाकरे अगर अयोध्या आते हैं तो एकजुट होकर उनको अयोध्या में ना सिर्फ घुसने से रोका जाएगा बल्कि उन का कड़ा विरोध भी किया जायेगा।

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बाला साहब ठाकरे के समय शिवसेना और अयोध्या का एक अटूट रिश्ता था। अयोध्या के साधु संत हो या फिर आम अयोध्यावासी सभी शिवसेना को लेकर आदर का भाव रखते थे लेकिन अयोध्या के वही साधु-संत आज कह रहे हैं कि अगर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या आते हैं तो उनको अयोध्या में घुसने नहीं दिया जाएगा। इससे भी बड़ी बात यह है कि विश्व हिंदू परिषद ने भी साफ कर दिया है कि जिस तरह शिवसेना की कार्यप्रणाली को लेकर अयोध्या के साधु-संतों और देशवासियों में आक्रोश है, उसको देखते हुए वह साधु संतों के साथ खड़े हैं। परिषद का कहना है कि उद्धव ठाकरे के अयोध्या आने पर एक साथ मिलकर उद्धव ठाकरे और शिवसेना का विरोध करेंगे। साफ जाहिर है जिस धरातल को तैयार करके कभी बाला साहब ठाकरे ने अपना अस्तित्व संवारा था, आज वही धरातल शिवसेना के नीचे से खिसकता दिखाई दे रहा है।

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राजू दास महंत आरोप लगाते हैं कि शिवसेना लगातार हिंदू जनमानस को नीचा दिखाने के लिए कुछ ना कुछ करते रहती है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में देखिए संतों की हत्या हुई, उस पर उन्होंने कुछ भी नहीं किया। वहीं, अगर कोई आवाज उठाता है तो उसके ऊपर कार्रवाई करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना प्रमुख अयोध्या आते हैं तो संतो के साथ मिलकर उनका विरोध करेंगे।

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विश्व हिंदू परिषद के अवध प्रांत प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि कंगना रनौत के ऑफिस पर जिस प्रकार से बुलडोजर चला, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने जिस तरह हिंदुत्ववादी चेहरे का प्रदर्शन किया था, अब वह कहीं ना कहीं जनता के सामने आ गया है। चेहरा कुछ और था, मुखौटा कुछ और, अब वह मुखौटा उतर गया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को सभी लोगों से माफी मांगनी चाहिए।

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शरद शर्मा ने कहा कि हम साधु-संतों के साथ रहने वाले लोग हैं। साधु-संतों के विचारों से ओतप्रोत रहते हैं। साधु-संतों का जो आह्वान होता है, उसका हम पालन करते हैं। शरद शर्मा ने कहा कि अयोध्या में अगर वह (ठाकरे) आते हैं तो साधु संतों ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है। हम उससे पीछे नहीं हट सकते।

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