लाइफ़स्टाइल डेस्क। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि आयुष और होम्योपैथी चिकित्सक कोरोना वायरस के इलाज के लिए सरकार द्वारा मंजूर टैबलेट या मिश्रण को पारंपरिक उपचार के साथ-साथ निधार्िरत कर सकते हैं, लेकिन अपनी ओर से ना कोई दवा लिख सकते हैं, ना कोई विज्ञापन कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में केरल उच्च न्यायालय के 21 अगस्त के फ़ैसले को बरकरार रखा, जिसमे कहा गया था कि आयुष चिकित्सक कोविड -19 के लिए गोलियों या मिश्रण का निधार्रण केवल प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में कर सकेंगे।