समाजवादी पार्टी (सपा) के रामपुर से सांसद आजम खां और उनके बेटे अब्बदुला पर दो पेन कार्ड मामले में एमपी एमएलए न्यायालय ने आज आरोप तय किर दिए।
आज़म और उसके पुत्र अब्दुल्ला की वीडियो कॉन्फेंस के माध्य से आज एमपी एमएलए न्यायालय के न्यायधीश आलोक कुमार दुबे की अदालत में पेशी हुई।
उच्चतम न्यायालय ने इस मुकदमे में आजम और अब्दुल्ला को आकाश सक्सेना के ब्यान दर्ज होने के बाद रिहा करने के आदेश दिये थे।
ज़िला शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना ने बहस की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता आकाश सक्सेना ने ब्यान दर्ज के बाद आज़म ओर अब्दुल्ला के विरूध फर्जी प्रमाण पत्र मामले में इस वर्ष जनवरी में रामपुर जिले के थाना गंज में सांसद आजम खां, उनकी विधायक पत्नी डा0 तजीन फातमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम पर धारा 193, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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भाजपा नेता आकाश सक्सेना उर्फ हनी ने फर्जी पैन कार्ड का भी मामाला भी उठाया था। इल्जाम है कि आजम खां और डा0 तजीन फातमा ने अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के लिए दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हैं। आजम खां और डा0 तजीन फातमा ने अपने बेटे अब्दुल्ला आजम का जन्म रामपुर में दिखाकर नगर पालिका सदर रामपुर से पहला प्रमाण पत्र बनवाया। सूचना मांगने पर आगजनी में कागजात जलने का हवाला दिया गया था। वहीं दूसरे प्रमाण पत्र के लिए क्वीन मैरी हॉस्पिटल लखनऊ का जन्म प्रमाण पत्र लगाकर लखनऊ नगर निगम से दूसरा प्रमाण पत्र दस्तावेजों में हेरफेर करके बनवा लिया गया था। इसी के आधार पर दो पैन कार्ड भी बनवाए गए थे, जिसकी शिकायत भाजपा नेता ने की थी ।
गौरतलब है कि 26 फरवरी वर्ष 2020 को आजम खां ने पत्नी डा0 तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में स्थानीय अदालत रामपुर में आत्म सपर्णण किया था। दिसम्बर 2020 में आजम खां की पत्नी जमानत पर रिहा होकर सीतापुर जेल से बाहर आ चुकी हैं जबकि आजम खां और उनका बेटा अभी सीतापुर जेल में करीब डेढ़ साल से सीतापुर की जिला कारागार में बंद हैं। सभी मामलों में जमानत होने के चलते अब अब्दुल्ला आजम का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।