लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री मो आजम खां (Azam Khan) को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को उन्हें जल निगम भर्ती घोटाला मामले में जमानत दे दी।
सुप्रीम केार्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आजम खां की ओर से अदालत में कहा कि मामले में आजम खां को राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है। इसके बाद न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने आजम की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए आदेश पारित किया कि प्रथमदृष्टया विवेचना के लिए आजम खां को जेल में रखने की आवश्यकता नहीं दिखती है।
सपा सांसद आजम खां के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, बढ़ी मुश्किल
अदालत ने आजम की जमानत मंजूर करते हुए यह भी कहा कि शासकीय अधिवक्ता कोई ऐसा निर्णायक सबूत पेश नहीं कर पाए हैं जिससे उत्तर प्रदेश राज्य जल निगम में हुए भर्ती घोटाले में आजम खां की सक्रिय भूमिका साबित हो।
गौरतलब है कि उप्र में सपा शासन के दौरान उप्र जल निगम में 1300 पदों पर हुई भर्तियों में अनियमितता के आरोप में आजम खां के खिलाफ वर्ष 2017 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जमानत मिलने के बाद भी आजम खां को अभी भी जेल में ही रहना पड़ सकता है, क्योंकि उनके खिलाफ अभी भी कई मामले कोर्ट में लंबित हैं। पिछले कई माह से वह सीतापुर की जेल में बंद हैं।