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आजम खान गुरूर है आप अपने गुरुर की हिफाजत करो : अब्दुल्ला आजम

रामपुर(मुजाहिद खाँ)। सपा सांसद क़द्दावर नेता मोहम्मद आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम ने मोहल्ला खज़ान खान के कुएं पर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से वर्चुअल संवाद किया और कोविड गाइड के अनुसार लोगों को संबोधित किया।

अपने संबोधन में अब्दुल्लाह आज़म ने कहा कि यह तमाम रोशनी, यह तमाम चुनाव और तमाम जिंदाबाद के नारे इस तारीखी जलसे में है तो जरूर, लेकिन यह सारी बातें फीकी हैं क्योंकि वह शख्स जिसने आज से 40 साल पहले इस जिले में इस सूबे में अपनी आवाज बुलंद की थी वह आवाज थी कमजोरों की, मजदूरों की, बीड़ी बनाने वालों की वह आवाज़ थी कारचोंब का काम करने वालों की रिक्शा वालों की और वह आवाज बहुत कमजोर थी। और साथ देने वाले बहुत कमजोर लोग थे माली हैसियत से भी तो सामाजिक हैसियत से और सियासी हैसियत से, लेकिन उन कुछ लोगों ने उन बुनियाद की ईटों ने जिनमें से आज बहुत से लोग यहां मौजूद नहीं है उन मुट्ठी भर लोगों ने तय किया जो रामपुर शहर चाकू के नाम से जाना जाता है वह शहर दोहरी गुलामी के नाम से जाना जाता है वह शहर जो अपनी कच्ची और टूटी सड़कों के नाम से जाना जाता हो वह शहर जहां पर किसी को अपनी सवारी गुजारने की इजाजत न हो जहां से नवाब गुजरता हो।

क्या किया उन लोगों ने जहां पर किसी को पक्के मकान बनाने की इजाजत न हो किसी को नवाब के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत भुगतनी हो लेकिन उन चुनिंदा लोगों ने अपने कायद के साथ मिलकर एक आवाज बुलंद की। उस शख्स ने रिक्शों से और पैदल घूम कर यह कहा कि मैं तुम्हें रामपुर वालों सोने और चांदी के कंगन तो नहीं दे सकता लेकिन दोहरी गुलामी का कलंक मिटा कर रख दूंगा। वह तहरीक शुरू हुई और उस तहरीक ने बहुत उतार-चढ़ाव देखे बहुत सी सरकारें आई और चली गई लेकिन वह तहरीक जारी रही। और वो तहरीक के चुनिंदा लोग और उसके सिपहसालार जिसको पूरा जिला आजम भाई कहता है उस तहरीक ने इस सियासी पथरीली जमीन को हल्के हल्के फतेह कर लिया और जो रामपुर चाकू और छुरियों के नाम से जाना जाता था वह आज अपनी यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है।

यह फर्क आया है लोगों को अपना सर उठा कर चलने का अधिकार मिला। जो लोग गुंडों बदमाशों से डरते थे उनके शहर में गुंडे बदमाश नहीं बचे। वह शहर जो पढ़ाई में बिल्कुल पिछड़ा था जो अपने बच्चों को महंगे स्कूलों में भेज नहीं सकते थे उनके बच्चों ने रामपुर पब्लिक स्कूल देखा यूनिवर्सिटी देखी लोगों ने फोरलेन सड़के देखी। आपके ताकत, जमीर और ईमान की वजह से आपने फैसला किया और अपनी ताकत का एहसास कराया।

ऐसी ताकत जब पूरी दुनिया रामपुर का नाम सुनती थी तो लोग यही कहते थे आजम भाई वाला रामपुर। कौन था आजम खान, कौन है आजम खान, वह आजम खान जिसे आप आजम भाई मानते हो, वो आजम खान जो आपके सुख और दुख में हमेशा शामिल रहे। आज़म खान वो शख्स जिसने रोती हुई मां को गले लगा लिया वह आजम खान जिसके बच्चे की मोटरसाइकिल से गिरने से मौत हो गई उसको इंसाफ दिलाया। पूरे शहर को अपनी अना, अपनी जीत के खातिर जंग के मैदान में तब्दील करने वाले लोग क्या सोचते हो आप, आजम खां किसी हड्डी और गोश्त के इंसान का नाम है।

आजम खान वो है जो हर मां के दिल में रहता है और भाई के दिल में रहता है हर बच्चे के दिल में रहता है। मैं गवाह हूं इस बात का कि बड़े से बड़ा गाड़ी में बैठने वाला अगर कोई गाड़ी के आगे हाथ देता है तो आजम खान की गाड़ी नहीं रुकती अगर कोई कमजोर हाथ पकड़ कर खींच भी लेता है तो आजम खान यह कहते हैं बताओ मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूं। और यह वही ताकत है यह आपकी ताकत है। आजम खान वकार है आपका, गैरत है आजम खान आपकी। एक ऐसा वकील जिसने हिंदुस्तान की सबसे बड़ी अदालत से लेकर संसद तक आपके साथ हुई नाइंसाफी आपके साथ हकतल्फी और जुल्म का हिसाब और उसका सवाल अदालत में रखा है यह वो आजम खान है। ऐसे मिटा दोगे मैं रहूं कोई न रहे किसी की तो दिल में रहेंगे आजम खान। यह जगह कैसी थी और आज कैसी है।

यही फर्क है गुजरे रामपुर और आज के रामपुर में। लेकिन गवाह हो आप यह सब करने की इतनी बड़ी सजा मिली है वो आजम खान जिसने अपनी पूरी जिंदगी इस शहर के लिए वक्फ कर दी। उसको क्या सिला मिला जेल की 8 बाई 8 की कोठरी में है वो। पूरा खानदान बर्बाद कर दिया गया। बच्चों के बनाए हुए स्कूल 6 साल के बच्चों के कुर्सी सर पर रख कर रवाना कर दिया गया। यूनिवर्सिटी पर बुलडोजर चलवाया गया। मेरी मां को तनहाई की कोठी में रखा गया वह गिरी गिरकर कंधा टूटा किसी को तरस नहीं आया। एक बीमार इंसान जो 9 बार विधायक रहा हो दूसरी बार का सांसद हो उसको कोरोना होने के बाद 9 दिन तक इलाज के लिए महरूम रखा गया।

गवाह है पूरा शहर क्या नहीं हुआ आपके साथ। न जाने कितने गुनाह बेगुनाहों को जेलों में भर दिया गया, कितनों के घर तोड़े गए, बहनों के साथ बदतमीजी की गई, लोगों के दरवाजों को तोड़ा गया। एनआरसी के मुकदमे के नाम पर क्या नहीं हुआ। पूरे शहर को मुल्जिम बना दिया गया वो लोग जो दिन में मजदूरी करते हैं तब रात को उनके घर का चूल्हा जलता है। जिसका बेटा मारा। उस मुकदमे में बेगुनाह लोगों के नाम रख दिए। उसके बाप भाई दोस्तों को रख दिया गया।लोगों के घर तोड़े गए। पुलिस लोगों के डीवीआर तक उखाड़ कर ले गई सीसीटीवी कैमरे के। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया उन लोगों पर दबाव बनाया गया कि जिसको हम कहते हैं उनका नाम लेओ। यही चौराहे 2 साल में छावनी बना दिए गए। रामपुर वालों को एटीएम समझ लिया है एटीएम बना दिया लूट कर खा लिया पूरा शहर। रेड कार्ड के नाम पर दरवाजे तोड़े जा रहे हैं आज भी तोड़े जा रहे हैं गुंडा एक्ट के नाम पर। मैं तो कहता हूं अगर इतनी अदावत है इतनी दुश्मनी है इतनी नफरत है रामपुर वालों से कि वह लोग जो दूसरे शहर से बैठकर रामपुर का चुनाव लड़ा रहे हैं नौकरी से इस्तीफा दीजिए पर्चा भरिए फिर देखेंगे रामपुर वाले किसको चुनते हैं। अगर इतनी नफरत है रामपुर वालों से तो गरीबों पर जुल्म मत करो जिनके पास अपनी बात तक रखने को पैसा नहीं है मत करो उन पर जुल्म।

कहा कि भारतीय जनता पार्टी को चुनाव जीता दोगे इसलिए जंग का मैदान बना दोगे आप। जितनी जिम्मेदारी मेरे ऊपर है इतनी जिम्मेदारी आपको दे कर जा रहा हूं। एक साहब झाड़ू लेकर घूम रहे हैं उनके साथ वो लोग थे जिनका वोट ही नहीं बना है हमारे पास जो कुछ भी है या तो अल्लाह की देन है या आपकी है। जब तक हैं आपके लिए हैं आपने यह तो सुना होगा कि आपका सांसद और विधायक जेल में है लेकिन यह नहीं सुना होगा अपने जमीर का सौदा कर दिया। आजम खान गुरूर है आप अपने गुरुर की हिफाजत करो।

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